भारत ने पहले युद्धपोत का निर्यात किया
भारत ने देश में निर्मित पहले युद्धपोत का निर्यात किया. मारीशस को अपतटीय क्षेत्र की निगरानी के लिये इस युद्धपोत का निर्यात किया गया.
भारत ने पहले युद्धपोत का निर्यात किया (फाइल फोटो) |
रक्षा राज्य मंत्री राव इंद्रजीत सिंह ने शनिवार को इस युद्धपोत को सौंपे जाने के अवसर पर आयोजित समारोह में कहा, ‘‘यह पहला मौका है जब निर्यात बाधाओं को तोड़ा गया है. यह पहला युद्धपोत है जिसका हमने निर्यात किया है और हमारी उम्मीद है कि दुनिया के कई देशों को हम और भी कई ऐसे जहाजों का निर्यात करेंगें.’’
रक्षा क्षेत्र के सार्वजनिक उपक्रम गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एण्ड इंजीनियर्स लिमिटेड (जीआरएसई) कोलकाता द्वारा निर्मित सीजीएस बालाकुडा की लंबाई 74.10 मीटर है और 5.85 करोड़ डालर की इस पर लागत आई है.
यह 22 नॉट्स (एक नॉट बराबर एक नाटिकल माइल) की रफ्तार से दौड़ सकता है और इसकी भार वहन क्षमता 1350 टन तक है.
उन्होंने बताया कि गोवा शिपयार्ड को भी श्रीलंका से अपतटीय निगरानी पोत बनाने का आर्डर मिला है.
जीआरएसई के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक रीयर एडमिरल ए.के. वर्मा ने कहा कि इसी तरह के पोत बनाने के लिये दूसरे देशों से भी पूछताछ की जा रही है.
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