अमेरिकी कंपनी इरीडियम ने बीएसएनएल पर लगाया फेवरेटिज्म का आरोप

Last Updated 24 Nov 2014 02:14:57 PM IST

अमेरिका की मोबाइल उपग्रह संचार कंपनी इरीडियम ने कहा है कि उसकी भारत में निवेश में रूचि है लेकिन वेंडर के चयन की ‘विकृत’ व्यवस्था इसमें रोड़ा है.


बीएसएनएल

कंपनी वर्षों से सेवाएं शुरू करने की कोशिश कर रही है.

कंपनी ने यह भी आरोप लगाया कि ऐसा लगता है कि सार्वजनिक क्षेत्र की दूरसंचार कंपनी बीएसएनएल भारत में उपग्रह संचार सेवाएं उपलब्ध कराने के लिये केवल एक संगठन एनमारसैट ‘इंटरनेशनल मैरीटाइम सेटेलाइट आर्गनाइजेशन’ के साथ काम करना चाहती है. प्रतिस्पर्धा के अभाव में यह सेवा काफी महंगी हो सकती है.

इस बारे में संपर्क किये जाने पर बीएसएनएल प्रवक्ता ने कोई जवाब नहीं दिया. कंपनी और इनमारसैट के बीच सौदे की स्थिति के बारे में भी उसने कोई जवाब नहीं दिया. दूरसंचार विभाग को भी इस बारे में सवाल भेजे गये, लेकिन उनकी तरफ से भी कोई प्रतिक्रिया नहीं आयी.

इरीडियम ने कहा कि उसकी इनमारसैट सेवाओं के लिये मंजूर शर्तों के तहत भारत में सेवाएं उपलब्ध कराने में रूचि है लेकिन उसे अबतक कोई अवसर नहीं मिला है.

ईमेल के जरिये पूछे गये सवालों के जवाब में इरीडियम के एक प्रवक्ता ने जवाब में कहा, ‘ऐसा लगता है कि बीएसएनएल केवल इनमारसैट के साथ काम करना चाहती है और हम समझते हैं कि सेवा के लिये केवल एक कंपनी का चयन किया जाएगा.’

कंपनी से यह पूछा गया था कि क्या उसने इस बारे में नई सरकार को पत्र लिखकर शिकायत की है.

उसने कहा, ‘हमारा मानना है कि यह ज्यादा महंगा होगा क्योंकि भारतीय ग्राहकों को कम लागत तथा बेहतर सेवाएं उपलब्ध कराने के लिये कोई खुली, प्रतिस्पर्धी प्रक्रिया नहीं होगी.’

रक्षा मंत्रालय ने दूरसंचार विभाग से देश में तेजी से उपग्रह गेटवे स्थापित करने का अनुरोध किया है क्योंकि इनमारसैट के पुराने उपग्रहों की सेवाएं सितंबर 2014 में समाप्त होने से उसके मौजूदा सेटेलाइट फोन काम करना बंद कर देंगे.

बीएसएनएल को विभाग से नौ जुलाई को आशय पत्र मिला और 2 सितंबर को इनमारसैट के साथ सैद्धांतिक समझौता किया.

संपर्क किये जाने पर इनमारसैट के प्रवक्ता ने कहा कि वह ‘इंटरनेशनल मैरीटाइम आर्गनाइजेशन’ द्वारा गठित ‘ग्लोबल मैरीटाइम डिसट्रेस सेफ्टी सिस्टम’ की केवल प्रमाणित आपरेटर है. प्रवक्ता ने कहा, ‘आईएमओ और इनमारसैट भारत समेत सभी देशों को यह सेवा मुफ्त में उपलब्ध कराती है. इनमारसैट मोबाइल सेटेलाइट सेवाएं उपलब्ध कराने के लिये सबसे बड़ी और प्रमुख सेवा प्रदाता है और उसकी सेवाएं सबसे सस्ती है.’

डीओटी ने बीएसएनएल से 2010 में इनमारसैट या किसी अन्य सेवा प्रदाता से देश में सैटेलाइट गेटवे स्थापित करने की कार्रवाई करने को कहा था.

इरीडियम ने कहा कि प्रतिस्पर्धा के अभाव में इनमारसैट दरें बढ़ा देगा,जैसा कि उसने हाल में विश्व में अन्य जगहों पर किया है.

दूरसंचार विभाग ने दिसंबर 2013 में ट्राई से संपर्क किया था. ट्राई ने इस साल मई में सिफारिश की कि बीएसएनएल को एक विशेष श्रेणी में सैटेलाइट संचार प्रवेशद्वार स्थापित करने की अनुमति दी जाए और इसके लिए इनमारसैट की सेवाओं को लाइसेंस हालिस करने से छूट हो.
 

 



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