अरुण जेटली वेतनभोगी, मध्यमवर्ग पर और कर बोझ डालने के खिलाफ

Last Updated 22 Nov 2014 08:44:38 PM IST

वित्त मंत्री अरूण जेटली ने कहा कि वह वेतनभोगी तथा मध्यमवर्ग पर और कर बोझ डालने के पक्ष में नहीं हैं.


वित्त मंत्री अरूण जेटली संवददाताओं से बातचीत करते हुए.

उन्होंने कहा कि वह कर दायरा बढ़ाने और कर चोरी करने वालों को इसके दायरे में लाने के लिये कोई कसर नहीं छोड़ेंगे. जेटली ने कहा कि वास्तव में वह चाहेंगे कि करदाताओं के जेब में ज्यादा पैसा हो जिससे वे ज्यादा खर्च करेंगे और अप्रत्यक्ष कर संग्रह बढ़ेगा.

उन्होंने कहा, ‘‘कर आधार बढ़ाने का आखिर क्या मतलब है?...मैं भी उतना ही अप्रत्यक्ष कर देता हूं जितना कि मेरा सहायक देता है. हमारी खपत की मात्रा अलग-अलग हो सकती है. इसीलिए हर कोई अप्रत्यक्ष कर दे रहा है.’’

संवाददाताओं के साथ एक वार्ता में उन्होंने कहा, ‘‘और वास्तव में आज आपके करीब आधे कर अप्रत्यक्ष कर हैं, आप उत्पाद शुल्क देते हैं, सीमा शुल्क देते हैं, सेवा कर देते हैं. अब जहां तक आयकर का सवाल है, इसमें कर दायरा बढ़ाने के लिये मैं कर चोरी करने वालों को इसके दायरे में लाने का समर्थन करता हूं.’’

उनसे यह पूछा गया था कि क्या वह अपने बजट में राजस्व बढ़ाने के लिये कर आधार बढ़ाएंगे.

फरवरी में अपना पहला पूर्ण बजट पेश करने जा रहे जेटली ने कहा कि पिछले बजट में उन्होंने आयकर छूट सीमा 2 लाख रुपये से बढ़ाकर 2.5 लाख रुपये कर दी और अगर उनके पास धन की कमी नहीं होती तो वह इस सीमा को और बढ़ाते.

अरूण जेटली ने कहा, ‘‘2.5 लाख रुपये की आयकर छूट सीमा के बारे में जब हम बात करते हैं.. सभी कटौतियों को शामिल करते हुये, जो हमने दी हैं, आज 3.5 से 4 लाख रुपये सालाना कमाई वाले को कर नहीं देना पड़ता है. इस लिहाज से मौटे तौर पर हम उस स्थिति में पहुंच गये हैं.’’

जेटली ने कहा, ‘‘अगर आज कोई 35,000 से 40,000 रुपये कमाता है और वह कुछ बचत करता है तो उसे कर नहीं देना पड़ता है. लेकिन जिन लोगों की कमाई इस वर्ग में वे कहते हैं कि रहन-सहन के खर्चे, परिवहन लागत, बच्चों की स्कूल फीस के बाद वे कुछ बचा ही नहीं पाते हैं.’’

मंत्री ने कहा कि इसीलिए वह कर दायरा बढ़ाने के लिये विभिन्न छूटों को कम करने के पक्ष में नहीं है. उन्होंने कहा, ‘‘इसीलिए मेरी यह इच्छा है कि अगर मेरे हिसाब से चीजें हुई और मेरी जेब में और पैसे हुए तो मैं इसे बढ़ाना चाहूंगा. लेकिन आज राजस्व की स्थिति चुनौतीपूर्ण है. पिछली बार, मैंने कई छूट दी जो वास्तव में मेरी क्षमता से बाहर थी.’’

जेटली ने कहा, ‘‘लेकिन जो कर चोरी कर रहे हैं, उन्हें इसके दायरे में लाना सही होगा. लेकिन कमजोर वर्ग को कर दायरे में लाना, वह आज की नीति नहीं हो सकती. वास्तव में अगर आप उनकी जेब में अतिरिक्त पैसा डालते हैं और उन्हें खर्च करने की छूट देते हैं तो मुझे ज्यादा अप्रत्यक्ष कर मिलेगा और मैं ज्यादा आर्थिक गतिविधियों को प्रोत्साहित कर सकूंगा.’’

देश में काले धन के बारे में उन्होंने कहा, ‘‘यह बड़ी मात्रा में है और इसका आसानी से पता लगाया जा सकता है. क्योंकि आप रीयल एस्टेट में जायें, जमीन की खरीद-फरोख्त देखें, खनन क्षेत्र में जायें, आभूषण देखें, लक्जरी सामान देखें तो आप इसमें घरेलू काला धन पाएंगे. आप शिक्षण संस्थानों में जाइये, आपको यह वहां मिलेगा. इसलिए इसमें खरीदार तथा पाने वाले का पता लगाना बेहद आसान है.’’

 



Post You May Like..!!

Latest News

Entertainment