जन-जन तक बैंकिंग पहुंचाने की शुरूआत करेंगे नरेंद्र मोदी

Last Updated 28 Aug 2014 08:28:39 AM IST

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अपनी सरकार की महत्वाकांक्षी ‘जन-धन’ योजना का दिल्ली में शुभारंभ करने जा रहे हैं.




जन-धन योजना

इसका उद्देशय बैंकिंग और वित्तीय सेवाओं को शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में घर घर तक पहुंचाना है.

इसके साथ ही राज्यों की राजधानियों एवं केन्द्र शासित क्षेत्रों और देश के प्रमुख केन्द्रों और सभी जिला मुख्यालयों में इस योजना के शुभारंभ के लिए समारोहों का आयोजन किया जाएगा.

इस योजना के आगाज के मौके पर देशभर में प्रमुख स्थलों पर तकरीबन 76 ऐसे समारोह आयोजित किए जा रहे हैं, जिनमें केन्द्रीय मंत्रियों और राज्यों के मुख्यमंत्रियों के अलावा अन्य गणमान्य व्यक्ति शामिल हो रहे हैं.

इस मेगा योजना के शुभारंभ के अवसर पर सार्वजनिक बैंकों की विभिन्न शाखाएं ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में 60 हजार से भी ज्यादा शिविरों का आयोजन कर रही हैं. आज तकरीबन एक करोड़ खाते खोले जाने का अनुमान है.

प्रधानमंत्री ने स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर ऐतिहासिक लालकिले के प्राचीर से राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में इस योजना की घोषणा की थी.

उन्होंने कुछ ही दिन पहले इस संबंध में सभी बैंक अधिकारियों को लगभग 7.25 लाख ई-मेल भेजे हैं. यह योजना वित्तीय समावेश पर एक राष्ट्रीय मिशन है, जिसका उद्देश्य देश में सभी परिवारों को बैंकिंग सुविधाएं मुहैया कराना और हर परिवार का एक बैंक खाता खोलना है.

सरकारी विज्ञप्ति के अनुसार इस योजना की मुख्य विशेषता यह है कि पूर्व में लक्षित गांव के बजाय इस बार परिवार को केन्द्र में रखा गया है.

इसके अलावा ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों को इस योजना में कवर किया जा रहा है, जबकि पहले केवल ग्रामीण क्षेत्रों को ही लक्ष्य में रखा गया था.

यह मिशन दो चरणों में लागू होगा

पहला चरण 15 अगस्त 2014 से 14 अगस्त 2015 तक होगा और दूसरा चरण 15 अगस्त 2015 से 14 अगस्त 2018 तक.

पहले चरण में पूरे देश में सभी परिवारों को उचित दूरी के अंदर किसी बैंक की शाखा या निर्धारित प्वाइंट ‘बिजनेस कॉरसपोंडेंट’ के माध्यम से बैंकिंग सुविधाओं की वैश्विक पहुंच उपलब्ध कराना है.

पहले चरण में सभी परिवारों को एक लाख रुपए का दुर्घटना बीमा कवर, रूपे डेबिट कार्ड के साथ कम से कम एक मूल बैंकिंग खाता उपलब्ध करना. इस खाते के छह महीने तक संतोषजनक परिचालन होने के बाद आधार से जुड़े खातों पर पांच हजार रुपए तक की ओवरड्राफ्ट सुविधा की अनुमति भी दी जाएगी.

इसी चरण में वित्तीय साक्षरता कार्यक्रम शुरू किया जाएगा जिसका उद्देश्य वित्तीय साक्षरता को ग्राम स्तर तक ले जाना है. इस मिशन में लाभार्थियों के बैंक खातों के माध्यम से विभिन्न सरकारी योजनाओं के अधीन प्रत्यक्षा लाभ हस्तांतरण का विस्तार भी शामिल है.

पहले चरण के तहत किसान केडिट कार्ड को रूपे किसान कार्ड के रूप में जारी करने का प्रस्ताव है.

दूसरे चरण में लोगों को माइक्रो-बीमा उपलब्ध कराने के साथ बिजनेस कॉरसपोंडेंट के माध्यम से स्वामलंबन जैसी गैर-संगठित क्षेत्र पेंशन योजनाएं शुरू की जाएंगी.

प्रधानमंत्री जन-धन योजना के प्रति जागरुकता फैलाने के लिए देशी भाषाओं में एक मानक वित्तीय साक्षरता सामग्री भी तैयार की गई है. इस योजना में कम से कम 7.5 करोड़ परिवारों को कवर किए जाने की अनुमान है.

विज्ञप्ति के अनुसार इस योजना के तहत एक खाता खुल जाने के बाद हर परिवार को बैंकिंग और कर्ज की सुविधाएं सुलभ हो जाएंगी. इससे उन्हें साहूकारों के चंगुल से निकलने, आपातकालीन जरूरतों के चलते पैदा होने वाले वित्तीय संकटों से खुद को दूर रखने और तरह तरह के वित्तीय उत्पादों के लाभन्वित होने का मौका मिलेगा.

पहले कदम के तहत हर खाताधारक को एक रूपे डेबिट कार्ड और एक लाख रूपए का दुर्घटना बीमा कवर दिया जाएगा.

आगे चलकर उन्हें बीमा और पेंशन उत्पादों के दायरे में भी लाया जाएगा.
 

 

 

 

 

 



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