बीमा क्षेत्र में भारतीय नियंत्रण के साथ एफडीआई सीमा बढ़ाकर 49 प्रतिशत करने की मंजूरी

Last Updated 24 Jul 2014 10:09:14 PM IST

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड की अनुमति से बीमा कंपनियों में 49 प्रतिशत प्रत्यक्ष विदेशी निवेश को मंजूरी दे दी है.


बीमा क्षेत्र

साथ ही यह सुनिश्चित किया गया है कि प्रबंधन नियंत्रण भारतीय प्रवर्तकों के हाथ में रहेगा.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति की बैठक के बाद सूत्रों ने कहा ‘आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने बीमा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश 26 प्रतिशत से बढ़ाकर 49 प्रतिशत करने की मंजूरी दी.’

मंत्रिमंडल ने काफी समय से लंबित बीमा कानून ‘संशोधन’ विधेयक में संशोधन को मंजूरी दी जिसे अब संसद में आगे बढ़ाया जाएगा.

अपने बजट भाषण में वित्तमंत्री अरुण जेटली ने कहा था कि बीमा क्षेत्र में निवेश की कमी है और इस क्षेत्र के लिए सम्मिलित निवेश सीमा बढ़ाकर 49 प्रतिशत करने की जरूरत है जो एफआईपीबी की अनुमति से हो और प्रबंधन पर नियंत्रण पूरी तरह की भारतीय प्रवर्तकों का हो.

इस पहल से बीमा कंपनियों को विदेशी भागीदारों से पूंजी प्राप्त करने में मदद मिलेगी जिसकी उन्हें बेहद जरूरत है.

एफडीआई सीमा बढ़ाने का प्रस्ताव 2008 से लंबित है जबकि पूर्व यूपीए सरकार ने बीमा संयुक्त उद्यमों में विदेशी हिस्सेदारी बढ़ाकर 49 प्रतिशत करने के लिए बीमा कानून ‘संशोधन’ विधेयक पेश किया था जो फिलहाल 26 प्रतिशत है.हालांकि भाजपा समेत कई राजनीतिक दलों के विरोध के कारण यह विधेयक राज्य सभा में आगे नहीं बढ़ाया जा सका.

बीमा नियामक एवं विकास प्राधिकार अधिनियम, 1999 लागू होने के बाद 2000 में बीमा क्षेत्र को निजी क्षेत्र के लिए खोला गया था.

उद्योग लंबे समय से एफडीआई की सीमा बढ़ाने की मांग कर रहा था ताकि इस क्षेत्र के विस्तार के लिए पर्याप्त कोष उपलब्ध हो.
 

 

 

 

 



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