हेमंत सोरेन का रवैया
संघीय जांच एजेंसी ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) का एक दल धनशोधन के एक मामले में ‘लापता’ झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) के नेता एवं झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की तलाश में सोमवार को दिल्ली पहुंचा।
![]() हेमंत सोरेन का रवैया |
आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक, सोरेन ‘लापता’ हैं, और जांच एजेंसी उनसे संपर्क नहीं कर पाई है। हालांकि बताया गया कि 27 जनवरी को दिल्ली के लिए रवाना होने से पहले हेमंत ने ईमेल भेजकर 31 जनवरी को दिल्ली में एजेंसी की जांच में शामिल होने का आासन दिया था। ईडी ने 20 जनवरी को सोरेन से कथित भूमि धोखाधड़ी मामले में रांची स्थित उनके आधिकारिक आवास पर पूछताछ की थी और आगे की पूछताछ के लिए नया समन जारी किया था।
इस बीच, सोरेन जांच एजेंसी की जांच में शामिल होने की कोई तत्परता नहीं दिखाई। कह सकते हैं कि उन्होंने जांच एजेंसी के साथ आंख-मिचौनी का खेल शुरू कर दिया। भाजपा नेताओं ने उनके ‘लापता’ के बैनर सोशल मीडिया पर वायरल कर दिए। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने तो सोशल मीडिया एक्स पर ऐलान कर दिया कि 40 घंटे से ‘लापता’ सोरेन को ढूंढने वाले को अपनी ओर से ग्यारह हजार रुपये का इनाम देंगे।
हालात ये हैं कि न सिर्फ मुख्यमंत्री की निजी सुरक्षा के लिए खतरा है, बल्कि झारखंड की साढ़े तीन करोड़ जनता की सुरक्षा, इज्जत, मान-सम्मान भी खतरे में है। इस पर जेएमएम ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके आरोप जड़ा कि ईडी सीएम के खिलाफ प्रोपगैंडा कर रही है। उनके खिलाफ कार्रवाई अलोकतांत्रिक है। लेकिन कानून से ऊपर कोई नहीं है। जांच एजेंसी धोखाधड़ी के एक मामले में जांच कर रही है, तो मुख्यमंत्री का दायित्व बनता है कि जांच में अपने तई पूरा सहयोग करें ताकि मामला नतीजाकुन परिणति तक पहुंच सके।
उन्होंने संविधान की शपथ ली है और उनकी जिम्मेदारी बनती है कि संविधान के दायरे में रहें। उसका अतिक्रमण न करें। कानून का पालन करने वाले को मन में इस प्रकार का शक-शुबहा नहीं पालना चाहिए कि उसे फर्जी तरीके से फंसाया जा रहा है। ऐसा पूर्वाग्रह सोरेन के हित में नहीं है।
जिस प्रकार वे जांच में सहयोग न देने पर उतर आए हैं, उससे शंका होती है कि आरोप में दम है। जेएमएम जैसे बयान दे रही है, वह सत्तारूढ़ पक्ष का रवैया नहीं होना चाहिए। हमें लगता है कि राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता से इस मामले का कोई लेना-देना नहीं है। ऐसे में कानून-व्यवस्था किसी भी कीमत पर बरकरार रखी जानी चाहिए।
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