पाक में ही दाऊद
दाऊद इब्राहिम पाकिस्तान में है, इसे लेकर भारत को कभी कोई संदेह नहीं रहा. किंतु पाकिस्तान हमेशा भारत के दावे को नकारता रहा है.
दाऊद इब्राहिम पाकिस्तान में (फाइल फोटो) |
अब संयुक्त राष्ट्रसंघ द्वारा उसकी पुष्टि के बाद यह साबित हो गया कि भारत की सूचनाएं सही थीं और पाकिस्तान झूठ बोल रहा था. आखिर संयुक्त राष्ट्र की अल कायदा और आईएस पर प्रतिबंध लगाने वाली समिति ने भारत द्वारा दिए गए डोजियर को ही तो मान्य किया है. हां, उसमें हमारे द्वारा लिखित नौ पतों में से तीन को सही नहीं माना है.
छह पतों को सही करार देने के पहले भी उसने पूरी छानबीन की है. तो पाकिस्तान अब दुनिया के सामने बेनकाब हो गया है. प्रश्न है कि संयुक्त राष्ट्र की पुष्टि के बाद अब क्या होगा? दाऊद इब्राहिम का नाम भारत के सर्वाधिक वांछित आतंकवादियों में सबसे ऊपर रहा है. 1993 मुंबई हमलों के साथ उस पर अनेक अंडर्वल्ड अपराध तथा गैर कानूनी गतिविधियों का आरोप है. इसलिए आम भारतीय की पहली इच्छा होगी कि दाऊद को किसी तरह भारत लाया जाए, ताकि उसे कानूनी प्रक्रिया के तहत सजा दिलाई जा सके.
संयुक्त राष्ट्र ने उसे 2003 में ही आतंकवादियों की सूची में डाल दिया था. तब से उससे संबंधित सूचनाओं में कुछ संशोधन हुए हैं. अब उन सूचनाओं में उसका पता एवं भारत द्वारा उसके पासपोटरे की जानकारी भी शामिल हो गई है. किंतु इससे यह नहीं मान लेना चाहिए कि पाकिस्तान अब दाऊद का अपने यहां होना स्वीकार कर लेगा तथा उसे भारत को सौंप भी देगा.
इसकी स्वीकृति आतंकवादी को पनाह देने की स्वीकृति होगी, जिसके लिए उस पर संयुक्त राष्ट्र प्रस्ताव के तहत कई प्रकार के प्रतिबंध लगाए जा सकते हैं. कायदे से तो सुरक्षा परिषद की इस पर बैठक आयोजित होनी चाहिए और ऐसा नहीं होता तो भारत इसके लिए आग्रह कर सकता है. समस्या यह है कि सुरक्षा परिषद के स्थायी सदस्यों में से चीन पाकिस्तान को बचाने के लिए अपनी वीटो की दीवार लेकर खड़ा हो जाता है. उसने मसूद अजहर पर लाए गए प्रस्ताव को वीटो कर विफल कर दिया. ऐसा वह इस मामले में भी कर सकता है.
बावजूद इसके भारत को सुरक्षा परिषद में प्रस्ताव लाने की पहल करनी चाहिए. यह सवाल दुनिया के सामने है कि एक घोषित आतंकवादी को कोई देश इस तरह पनाह देकर कैसे सुरक्षित रख सकता है? यह सवाल भी मौजूं है कि किसी दुर्दात अपराधी के पते की मुकम्मल शिनाख्त होने के बाद खुद संयुक्त राष्ट्र संघ को भी अपनी अहमियत जताने के वास्ते इस पर तुरंत शिंकजा कसना चाहिए.
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