निंदनीय बयान

Last Updated 29 Jul 2016 04:24:17 AM IST

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल का बयान कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी मुझे मरवा भी सकते हैं, पहली नजर में ही निंदनीय और अस्वीकार्य है.


अरविंद केजरीवाल, मुख्यमंत्री, दिल्ली सरकार

चूंकि केजरीवाल आरोप लगाने के विशेषज्ञ हैं, इसलिए उनको एवं उनके समर्थकों को भले इस बयान से कोई परेशानी न हो, पूरा देश इससे भौंचक्क है. देश को इस सवाल का जवाब नहीं मिल रहा कि आखिर एक प्रदेश का मुख्यमंत्री अपने ही देश के प्रधानमंत्री पर कैसे इस तरह के घृणित आरोप लगा सकता है?

लोकतांत्रिक राजनीति में मतभेद होना, उसे प्रकट करना, विरोधी दल होने के नाते हमलावर रु ख अख्तियार करना..सब स्वीकार्य है. इनमें यदि आप अतिवाद की सीमा तक जाते हैं तो वे वांछनीय भले न हों, पर उसे भी देश सहन कर लेता है.

किंतु ऐसा आरोप तो आज तक किसी ने देश की सामान्य अवस्था में कभी प्रधानमंत्री पर लगाया ही नहीं. इससे ध्वनि निकलती है, मानो वर्तमान केंद्र सरकार अपने विरोधियों को ठिकाने लगाने के लिए हत्या की राजनीति पर उतर आई है. वास्तव में केजरीवाल ने विरोध की राजनीति की सीमा का संपूर्ण अतिक्रमण कर दिया है.

वे कहते हैं कि प्रधानमंत्री मोदी दिल्ली की हार पचा नहीं पा रहे हैं, बौखलाए हुए हैं, उनकी सरकार की लोकप्रियता से घबरा गए हैं, इसलिए बदला लेने पर उतारू हैं. केजरीवाल को यह याद दिलाने की आवश्यकता है कि भाजपा बिहार चुनाव भी हारी, और नीतीश कुमार तथा लालू यादव दोनों मोदी के कट्टर विरोधी हैं,  पर उनने भी ऐसा जघन्य आरोप नहीं लगाया.

संसदीय लोकतंत्र में चुनाव एक अनिवार्य प्रक्रिया है और इसमें जीत-हार होती रहती है. यह सामान्य स्थिति है. पार्टयिों को इससे झटका लगता है, वे उबरने की कोशिश करते हैं और फिर अगले चुनाव की तैयारी करते हैं. केजरीवाल जरूर पहली बार बहुमत के मुख्यमंत्री बने हैं, पर भाजपा के लिए हार का यह पहला वाकया नहीं कि उसकी बौखलाहट सारी सीमाओं को पार कर जाए. न जाने कितने चुनाव पार्टी ने हारे हैं.

केजरीवाल संसदीय राजनीति की मर्यादा को समझें, विरोधी दल होने की सीमाओं को भी समझें तथा जुबान को किस सीमा तक खोलना है, इसका अगर प्रशिक्षण ले लें तो बेहतर होगा. देश को भी ऐसे बयानों के विरुद्ध एक स्वर में बोलना चाहिए, जिससे केजरीवाल को यह अहसास हो कि उन्होंने वाकई निंदनीय बयान दिया है. अगर इसका सामूहिक विरोध नहीं हुआ तो भारतीय राजनीति किस भयानक अवस्था में पहुंच जाएगी; इसकी केवल कल्पना की जा सकती है.



Post You May Like..!!

Latest News

Entertainment