स्पिनर्स का केवल माइंडगेम है 'तीसरा' : नारायण
वेस्टइंडीज के स्टार स्पिनर सुनील नारायण ने कहा कि 'तीसरा' जैसी कोई गेंद नहीं है और यह केवल विरोधी टीम के बल्लेबाजों के साथ 'माइंडगेम' खेलने जैसा है.
वेस्टइंडीज के स्टार स्पिनर सुनील नारायण (फाइल फोटो) |
माना जाता है कि सईद अजमल ‘तीसरा’ भी करते हैं. नारायण से पूछा गया कि पारंपरिक आफ ब्रेक और ‘‘दूसरा’’ के अलावा क्या ‘तीसरा’ की भी संभावना है तो उन्होंने सपाट जवाब दिया.
उन्होंने आईसीसी विश्व टी20 चैंपियनशिप के दौरान बुधवार को मीरपुर में पत्रकारों से कहा, ‘‘यह शायद बल्लेबाजों के साथ माइंडगेम खेलना है. बल्लेबाज आजकल काफी कुछ कर रहे हैं क्योंकि खेल उनके साथ आगे बढ़ रहा है. गेंदबाजों के पास करने के लिये ज्यादा कुछ नहीं है, इसलिए वे केवल माइंडगेम खेल सकते हैं.’’
नारायण ने कहा कि टी20 में चलन बदल रहा है और गेंदबाजों के लिये मुश्किल चुनौती है. उन्होंने कहा, ‘‘गेंदबाज हमेशा कुछ नया करने की कोशिश कर रहे हैं लेकिन आपको हो सकता है कि पता नहीं हो अभी क्या हो सकता है और क्या कारगर नहीं होगा.’’
इस कैरेबियाई गेंदबाज से पूछा गया क्या कोई चौंकाने वाली गेंद होती है, उनका सीधा जवाब था नहीं. चौंकाने वाली कोई गेंद नहीं होती. मैं जितना संभव हो इसे सरल बनाये रखने की कोशिश करता हूं. मैं पिछले दो या तीन साल से जो कर रहा हूं वही अब भी करूंगा.’’
नारायण ने कोलकाता नाइटराइडर्स को 2012 में पहला खिताब दिलाने में अहम भूमिका निभायी. उन्होंने कहा कि आईसीसी विश्व टी20 जैसे बड़े टूर्नामेंट से पहले आईपीएल में खेलने से गेंदबाजों को आत्मविश्वास हासिल करने में मदद मिलती है.
उन्होंने कहा, ‘‘आईपीएल ने बहुत बदलाव किये हैं. यह उच्चस्तर का टूर्नामेंट है. वहां अच्छा प्रदर्शन करने के बाद बड़े टूर्नामेंट में खेलना आसान हो जाता है.’’ नारायण ने अब तक केवल छह टेस्ट मैच खेले हैं जिसमें उन्होंने 21 विकेट लिये है और ऐसा माना जाता है कि वह लंबी अवधि के प्रारूप में अधिक प्रभावी नहीं है.
उन्होंने कहा, ‘‘मुझे इससे (जब आलोचक टेस्ट मैचों में उनकी असफलता के बारे में बात करते हैं) पीड़ा नहीं पहुंचती. यदि मैं टेस्ट क्रिकेट में अच्छा प्रदर्शन नहीं करूंगा तो वे ऐसा कहेंगे.’’
नारायण से पूछा गया कि हाल में एशिया कप में रविचंद्रन अश्विन ने उनके जैसा गेंदबाजी एक्शन करने की कोशिश की थी. उन्होंने कहा, ‘‘ईमानदारी से कहूं तो मैंने उसे नहीं देखा तो इस पर मैं टिप्पणी नहीं कर सकता. गेंदबाजों को जो पसंद हो उसके जैसी गेंदबाजी करना चाहते हैं. यदि वह किसी के एक्शन को आजमाना चाहते हैं तो यह उनकी पसंद है.’’
इसके अलावा उन्होंने ‘दूसरा’ की वैधता पर टिप्पणी नहीं की. उन्होंने कहा, ‘‘इस मसले पर मेरी कोई राय नहीं है. यदि गेंदबाज दूसरा करना चाहता है तो वह कर सकता है.’’
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