कश्यप ने भी छोड़ी गोपीचंद अकादमी, कोच टाम जान के मार्गदर्शन में करेंगे ट्रेनिंग
घुटने की चोट से उबर रहे पी कश्यप कोच टाम जान के मार्गदर्शन में दो महीने ट्रेनिंग और इंडोनेशिया, जापान और कोरिया में होने वाले आगामी टूर्नामेंटों के लिए सर्वश्रेष्ठ स्थिति में पहुंचने के लिए बेंगलुरू में ट्रेनिंग करेंगे.
पी कश्यप (फाइल फोटो) |
कश्यप ने कहा, ‘यह मेरे लिए मुश्किल समय रहा क्योंकि ओलंपिक से पहले मेरे घुटने में चोट लगी. रियो नहीं जा पाना निराशाजनक रहा. इसलिए मैंने सोचा कि सही स्थिति में आने के लिए कुछ अलग किया जाना चाहिए.’
इससे पहले महिला खिलाड़ी सायना नेहवाल भी गोपीचंद की अकादमी छोड़ चुकी हैं.
उन्होंने कहा, ‘इसलिए मैं बेंगलुरू आ गया और टाम जान के मार्गदर्शन में उनकी अकादमी में ट्रेनिंग कर रहा हूं. मैं बेंगलुरू में डेकलिन लेईटाओ के साथ ट्रेनिंग करना चाहता था और यही मुख्य कारण है कि मैं यहां आया. अगले महीने कुछ टूर्नामेंट के बाद मैं हैदराबाद वापस लौटूंगा.’
लंदन ओलंपिक के क्वार्टर फाइनल में पहुंचे पहले भारतीय पुरूष एकल बैडमिंटन खिलाड़ी कश्यप ओलंपिक के लिए क्वालीफाई करने के करीब थे लेकिन जर्मन ओपन के दौरान घुटने में लगी चोट ने उनका सपना तोड़ दिया.
चोट के कारण इस 29 वर्षीय खिलाड़ी को मलेशिया सुपर सीरीज प्रीमियर और सिंगापुर ओपन से हटना पड़ा और वह इसके बाद से नहीं खेले हैं.
ग्लास्गो राष्ट्रमंडल खेलों के स्वर्ण पदक विजेता कश्यप ने कहा, ‘मेरे दायें पैर के घुटने में चोट लगी थी और मुझे आपरेशन कराना पड़ा. इसके बाद मैं लंबी रिहैबिलिटेशन प्रक्रिया से गुजरा. मैं वातावरण में बदलाव चाहता था. इसलिए कुछ समय के लिए बेंगलुरू में ट्रेनिंग का फैसला किया.’
एक समय दुनिया के आठवें नंबर के खिलाड़ी रहे कश्यप को पिछले साल से चोटों का सामना करना पड़ रहा है. पिछले साल अक्तूबर में उनकी पिंडली में चोट लगी थी और इसके बाद उनके पेट में खिंचाव आ गया और वह सैयद मोदी ग्रां प्री गोल्ड में अपने खिताब का बचाव करने में विफल रहे.
आगामी कार्यक्र म के बारे में कश्यप ने कहा, ‘मैं इंडोनेशिया ग्रां प्री गोल्ड में खेलूंगा. मैंने जापान और कोरिया ओपन के लिए प्रविष्टियां भेजी हैं. मैं वीजा हासिल करने और बुकिंग का इंतजाम कराने की कोशिश कर रहा हूं.’
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