साई, नाडा के जूनियर अधिकारी नरसिंह मामले की साजिश में शामिल : सिंह

Last Updated 24 Aug 2016 11:23:12 AM IST

भारतीय कुश्ती महासंघ ने नरसिंह यादव के मामले में अपने रवैये पर कायम रहते हुए नया आरोप लगाया कि इस पहलवान पर डोपिंग के कारण चार साल का प्रतिबंध लगने के लिये साई और नाडा के कुछ जूनियर अधिकारी जिम्मेदार हैं.


नरसिंह यादव (फाइल फोटो)

नरसिंह पर खेल पंचाट ने चार साल का प्रतिबंध लगा दिया था जिसके कारण वह रियो ओलंपिक के 74 किग्राफ्रीस्टाइल मुकाबले में हिस्सा नहीं ले पाये थे. वाडा ने राष्ट्रीय डोपिंग रोधी एजेंसी (नाडा) के नरसिंह को क्लीन चिट देने के फैसले को चुनौती दी थी जिसके बाद कैस ने अपना फैसला सुनाया.

डब्ल्यूएफआई अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह ने कहा, ‘हमें वहां (रियो डि जिनेरयो में) कैस की सुनवाई के दौरान कुछ बातें पता चली. जब विश्व संस्था (वाडा) ने नाडा से पूछा कि इतनी कम अवधि में नरसिंह का डोप परीक्षण क्यों किया गया तो तब नाडा ने खुलासा किया कि चार जुलाई को साई सोनीपत के जूनियर अधिकारी (रमेश) ने उन्हें लिखित शिकायत करके कहा कि सेंटर में कुछ खिलाड़ी प्रतिबंधित दवाईयां ले रहे हैं.’

सिंह ने पत्रकारों से कहा, ‘इस शिकायत के आधार पर फिर से डोप परीक्षण किया गया. जिन लोगों ने भोजन या पेय पदार्थ में प्रतिबंधित पदार्थ मिलाया था वे सुनिश्चित नहीं थे कि उन्होंने 25 जून को पहले परीक्षण से पूर्व (23 और 24 जून को) इसे सही तरह से अंजाम दिया या नहीं. इसलिए उन्होंने फिर से ऐसा किया और चार जुलाई को नाडा टीम को फिर से परीक्षण करने के लिये शिकायती पत्र भेज दिया.’

नरसिंह के मूत्र का नमूना 25 जून को लिया गया जिसमें प्रतिबंधित पदार्थ पाया गया. इसके बाद पांच जुलाई को लिये गये नमूने भी उनका परीक्षण पाजीटिव पाया गया. बृजभूषण ने आरोप लगाया कि नाडा के जूनियर स्तर के अधिकारी भी इसमें शामिल थे.
 

उन्होंने कहा, ‘डब्ल्यूएफआई को पहले इस शिकायती पत्र के बारे में नहीं बताया गया. हालांकि यह पत्र डब्ल्यूएफआई को भेजा जाना चाहिए था लेकिन ऐसा नहीं किया गया. यदि रियो में हमारे पास यह पत्र होता तो हमारा मामला मजबूत होता. यहां तक कि नाडा ने भी हमें पत्र के बारे में नहीं बताया. मुझे पूरा विास है कि नाडा के जूनियर स्तर के अधिकारी भी इसमें शामिल हैं.’

सिंह ने कहा कि वह प्रधानमंत्री और गृहमंत्री से मिलकर सीबीआई जांच करवाने के लिये कहेंगे.

उन्होंने कहा, ‘मैं प्रधानमंत्री और गृहमंत्री दोनों से मिलूंगा. इस मामले की सीबीआई जांच करवाना बेहद जरूरी है. मुझे पूरा विास है कि इसकी जांच की जाएगी. जो दोषी हैं उनको सजा मिलनी चाहिए. यहां तक कि यदि नरसिंह दोषी पाया जाता है तो उसे कड़ी सजा मिलनी चाहिए. मैं फिर से कह रहा हूं कि यह साजिश थी.’

कैस की सुनवाई के बारे में उन्होंने कहा, ‘मैं पूरी सुनवाई के दौरान उपस्थित था. जो विशेषज्ञ वहां आया था उसका मानना था कि नरसिंह ने टेबलेट के रूप में दवाई ली लेकिन यह केवल उसकी कल्पना थी और इसके लिये पर्याप्त सबूत नहीं हैं. नरसिंह पर प्रतिबंध इसलिए लगा क्योंकि (सोनीपत) पुलिस ने आपराधिक कार्रवाई करने में ढिलायी बरती.’

उन्होंने कहा, ‘पुलिस ने आज तक कुछ नहीं किया है. आज जो स्थिति है उसके लिये पुलिस भी जिम्मेदार है.’



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