इंचियोन एशियाई खेलों में जीतू राय ने लगाया गोल्ड पर निशाना
इंचियोन एशियाई खेलों में भारत के जीतू राय ने शानदार प्रदर्शन करते हुए निशानेबाजी में पुरुष व्यक्तिगत 50 मीटर पिस्टल स्पर्धा में देश को पहला स्वर्ण पदक दिलाया.
जीतू राय |
ग्लास्गो राष्ट्रमंडल खेलों सहित यह इस वर्ष जीतू राय का दूसरा स्वर्ण पदक है. राय स्पेन के ग्रेनाडा में विश्व चैंपियनशिप में रजत पदक हासिल करके ओलंपिक कोटा हासिल करने वाले भारत के एकमात्र खिलाड़ी है.
लखनऊ के निशानेबाज जीतू को फाइनल में वियतनाम के एनगुएन होंग फुओंग और चीन के वांग झिवेई ने कड़ी टक्कर दी लेकिन इन दोनों को रजत और कांस्य पदक के साथ संतोष करना पड़ा.
सेना की गोरखा रेजीमेंट में काम करने वाले जीतू स्पर्धा में शुरूआत से ही लय में दिखे लेकिन उनके साथी निशानेबाज ओंकार सिंह क्वालीफाइंग की बाधा को पार करने में विफल रहे.
राय ने 2014 के जून से छह स्पर्धाओं के फाइनल में जगह बनायी है.
17वें एशियाई खेलों में राय ने वियतनाम के ज्ञूयेन को हराकर स्वर्ण पदक पर निशाना लगाया. भारतीय निशानेबाज ने कुल 186.2 का स्कोर बनाया जबकि ज्ञूयेन ने 183.4 का स्कोर बनाया.
जीतू एशियाई खेलों का खिताब जीतने वाले जसपाल राणा के बाद सिर्फ दूसरे भारतीय पिस्टल निशोनबाज हैं. वह एशियाई खेलों का स्वर्ण जीतने वाले चौथे भारतीय निशानेबाज हैं. जीतू और जसपाल के अलावा शाटगन विशेषज्ञ रणधीर सिंह ने 1978 जबकि रंजन सोढ़ी ने 2010 में स्वर्ण पदक जीता था.
जीतू ने कहा कि वह हर हाल में स्वर्ण पदक जीतना चाहते थे.
इस भारतीय निशानेबाज ने कहा कि मैं काफी दबाव में था और हर हाल में स्वर्ण पदक जीतना चाहता था. यहां प्रतिस्पर्धा राष्ट्रमंडल खेलों या विश्व चैम्पियनशिप से अधिक थी. मुझे खुशी है कि मैं अपनी इच्छा पूरी कर पाया.
जीतू ने 559 अंक के साथ क्वालीफाइंग में सातवें स्थान पर रहते हुए फाइनल में जगह बनाई थी.
राष्ट्रीय पिस्टल कोच पावेल स्मिरनोव ने बाद में जीतू की तारीफ करते हुए उन्हें काफी मजबूत व्यक्तित्व वाला बताया.
स्मिरनोव ने कहा कि वह मानसिक रूप से काफी मजबूत है. इन खेलों से पहले काफी प्रतियोगिताएं थी, राष्ट्रमंडल खेल और विश्व चैम्पियनशिप. वह मानसिक रूप से काफी मजबूत है और इसलिए वह ऐसा कर पाया.
निशानेबाजी और तीरंदाजी टीम के मानसिक ट्रेनर वैभव अगाशे ने कहा कि जीतू के सेना से जुड़े होने से काफी मदद मिली और वह निशानेबाजी के सबसे फिट खिलाड़ियों में से एक है.
अगाशे ने लगातार प्रतियोगिताओं के संदर्भ में कहा कि वह शारीरिक रूप से काफी फिट है. मांसपेशियों का नियंत्रण काफी महत्वपूर्ण है.
जीतू का 50 मीटर रेंज में अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में यह लगातार छठा पदक है.
भारत का निशानेबाजी में यह दूसरा पदक है. इससे पहले महिला 10 मीटर एयर पिस्टल स्पर्धा में श्वेता चौधरी ने कांस्य पदक के साथ भारत को खेलों का पहला पदक दिलाया.
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