योगेश्वर, बबीता और गीतिका ने रजत पदक पक्के किये
ओलंपिक कांस्य पदकधारी योगेश्वर दत्त सहित तीन भारतीय पहलवानों ने अपने वजन वर्गों के फाइनल के लिये क्वालीफाई कर पदक पक्के किये.
योगेश्वर दत्त स्काटलैंड के एलेक्स ग्लादकोव पटखनी देते हुए. |
योगेश्वर सहित तीन पहलवानों ने फाइनल के लिये क्वालीफाई कर गुरुवार को ग्लास्गो में राष्ट्रमंडल खेलों की कुश्ती स्पर्धा के तीसरे और अंतिम दिन भारत के लिये कम से कम तीन रजत पदक पक्के कर दिये.
योगेश्वर (पुरूष 65 किग्राफ्रीस्टाइल), गीतिका जाखड़ (महिला 63 किग्रा) और बबीता कुमारी (महिला 55 किग्रा) ने फाइनल में प्रवेश किया है जबकि पवन कुमार (पुरूष 86 किग्रा) कांस्य पदक के लिये खेलेंगे.
योगेश्वर ने पहले स्काटलैंड के एलेक्स ग्लादकोव को 4-0 से शिकस्त दी और अपने प्रतिद्वंद्वी की दोनों टांगों को पकड़कर अंक जुटाये तथा शानदार स्टाइल से बाउट जीती.
योगेश्वर ने इसके बाद क्वार्टरफाइनल में स्काटलैंड के पहलवान गैरेथ जोंस को इसी तकनीक का इस्तेमाल करते हुए पराजित किया. उन्होंने यही तकनीक लंदन ओलंपिक में कांस्य पदक जीतने के लिये इस्तेमाल की थी.
सेमीफाइनल में श्रीलंका के चामरा परेरा के खिलाफ भी योगेश्वर ने यही तकनीक इस्तेमाल करने की कोशिश की लेकिन विपक्षी पहलवान इस भारतीय की ‘ट्रेडमार्क’ तकनीक से वाकिफ था और वह उनकी पकड़ से बाहर होने में सफल रहे. लेकिन योगेश्वर काफी चपल थे, उन्होंने अगली बार अपने प्रतिद्वंद्वी को बाहर नहीं निकलने दिया और फिर अपनी पसंदीदा तकनीक से दो मिनट तीन सेकेंड में जीत दर्ज की.
उन्होंने 10-0 अंक की बढ़त के बाद यह बाउट 5-0 से जीती.
कोच विनोद कुमार ने कहा कि वह योगेश्वर की तकनीक से काफी खुश हैं. उन्होंने कहा, ‘‘इस ‘फिटेले’ तकनीक से उसने 2012 लंदन ओलंपिक में कांस्य पदक जीता था.’’
गीतिका अपने 63 किग्राफ्रीस्टाइल की शुरूआती बाउट में कैमरून की इपांगा मेटाला के खिलाफ शुरू में पिछड़ रही थीं लेकिन उन्होंने मजबूती से वापसी करते हुए अपनी प्रतिद्वंद्वी को दो मिनट 45 सेकेंड में 5-0 से पराजित किया.
सेमीफाइनल में वेल्स की सारा कोनोली के खिलाफ गीतिका ने शुरू में ही बढ़त हासिल कर उसे दो बार मैट से बाहर पटक दिया. यह भारतीय तीन मिनट के पहले दौर में 9-2 से आगे थी और फिर रैफरी ने बाउट रोक दी तब वह 12-2 से आगे थीं. गीतिका ने 4-1 से जीत दर्ज कर फाइनल में प्रवेश किया.
बबीता कुमारी को 55 किग्रावर्ग के क्वार्टरफाइनल में कड़ी प्रतिद्वंद्वी का सामना करना पड़ा, लेकिन उन्होंने मेजबान देश की कैथरीन मार्श को 4-1 से पराजित कर दिया.
बबीता ने फिर सेमीफाइनल में इंग्लैंड की लुईसा पोरोगोवस्का को आसानी से हराया, जिससे वह स्वर्ण पदक वाले मैच में पहुंची. पवन भी फाइनल में पहुंचने के मजबूत दावेदार लग रहे थे, लेकिन वह सेमीफाइनल बाउट में हार गये.
उन्होंने पहली बाउट में न्यूजीलैंड के स्टीव हिल को 4-0 से और क्वार्टरफाइनल में स्काटलैंड के लुईजी बियांको को 5-0 से हराने में उन्हें केवल एक मिनट 16 सेकेंड लगे.
सेमीफाइनल में हालांकि वह कनाडा के तामेरलान तागजीव की बराबरी नहीं कर सके और दो मिनट 35 सेकेंड में हार गये. पवन ने जोहानिसबर्ग में 2013 राष्ट्रमंडल चैम्पियनशिप में 84 किग्रावर्ग में स्वर्ण पदक जीता था.
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