उपग्रह प्रक्षेपण बढ़ाकर प्रतिवर्ष 12 से 18 करने की दिशा में प्रयासरत: इसरो

Last Updated 22 Jun 2016 03:42:10 PM IST

इसरो ने कहा कि वह उपग्रह प्रक्षेपण की संख्या बढ़ाकर प्रतिवर्ष 12 से 18 करने की संभावना तलाश रहा है.


(फाइल फोटो)

इसरो ने एक नया वाहन असेंबली बिल्डिंग जोड़कर अपनी विशाल पीएसएलवी सीरीज को दुरस्त करने की जरूरत पर बल दिया.

   
इसरो के चेयरमैन ए.एस. किरण कुमार ने कहा, ‘‘हमें पीएसएलवी सीरीज को दुरस्त करने की जरूरत है और हम देश में क्षमता बढ़ाकर अधिक संख्या में प्रक्षेपण करने का प्रयास कर रहे हैं.’’

उन्होंने कहा, ‘‘हम कुछ ऐसी व्यवस्था पर काम कर रहे हैं जहां उद्योग और इसरो के बीच साझीदारी से हमें प्रति वर्ष प्रक्षेपण की संख्या बढ़ाकर करीब 12 से 18 करने की सहूलियत मिल सके.’’

कुमार इसरो द्वारा काटरेसैट-2 सीरीज सहित 20 उपग्रहों का सफलतापूर्वक प्रक्षेपण किए जाने के बाद संवाददाताओं से बातचीत कर रहे थे.

एक तीन चरण वाले पीएसएलवी के विकास के बारे में उन्होंने कहा, ‘‘एक चीज पर हम निरंतर ध्यान दे रहे हैं कि कैसे अंतरिक्ष तक पहुंच का खर्च घटाया जाए और इन अध्ययनों के जरिए उपग्रहों के प्रक्षेपण की लागत घटाने की पद्धति पर काम किया जा रहा है.’’
   
एक अन्य प्रक्षेपण स्टेशन के सवाल पर उन्होंने कहा कि इसरो प्रक्षेपण बढ़ाने में बाधाओं को दूर करने के लिए प्रयासरत है.

इस दिशा में एक दूसरे यान असेंबली बिल्डिंग के लिए प्रयास किया जा रहा है जो तैयार हो रहा है और इससे प्रक्षेपण की संख्या बढ़ाने में मदद मिलेगी.

उन्होंने कहा, ‘‘हमारा प्रयास सतत रूप से स्थिति का आकलन करना और उचित समय पर सुधारात्मक कदम उठाना है.’’

कुमार ने कहा कि दिसंबर से मार्च के बीच दक्षिण पूर्व एशियाई उपग्रह (पूर्व में सार्क और अब एसईए क्योंकि पाकिस्तान ने इससे हाथ खींच लिया है) के प्रक्षेपण पर काम चल रहा है.


   
उन्होंने कहा कि अगला प्रक्षेपण पीएसएलवी सी-35 होगा जिसमें स्कैटसैट होगा जोकि स्कैटरोमीटर के साथ एक प्रमुख उपग्रह है और इससे सागर में वायु की दिशा की सूचना, मौसम की निगरानी और अनुमान गतिविधि में मदद मिलेगी.
   
कुमार ने कहा कि जीसैट-18 का प्रक्षेपण 12 जुलाई के बजाय सितंबर में किए जाने की संभावना है क्योंकि इसके जरिए प्रक्षेपित किए जाने वाले एक उपग्रह में कुछ गड़बड़ी आ गई थी.
   
उन्होंने कहा कि भारत के पास 35 उपग्रह हैं जिसमें से 13 संचार, 13 पृथ्वी पर्यवेक्षण और 7 नौवहन हैं.

‘‘हमारा आकलन है कि हमें देश की विभिन्न जरूरतें पूरी करने के लिए यह संख्या दोगुनी करने की जरूरत है और इस दिशा में कार्य प्रगति पर है.’’
  
इससे पहले, कुमार ने ‘एक रिकार्ड समय’ में 20 उपग्रहों को सफलतापूर्वक प्रक्षेपित करने के लिए अपनी टीम को बधाई दी और कहा, ‘‘पीएसएलवी सी-34 ने अपना काम कर दिया है.’’




 



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