एक अलग धुरी पर घूमा करता था चांद
Last Updated 28 Mar 2016 02:07:48 PM IST
एक नए अध्ययन में, चांद एक अलग धुरी पर घूमा करता था और तब पृथ्वी को उसका एक अलग चेहरा दिखाई देता था.
तब चांद एक अलग धुरी पर घूमता था |
वैज्ञानिकों ने 1990 के दशक के अंतिम वर्षों में नासा के लूनर प्रॉस्पेक्टर मिशन द्वारा एकत्र किए गए आंकड़ों का इस्तेमाल किया और चांद के ध्रुवों के पास हाइड्रोजन की बहुलता वाले दो क्षेत्रों की पहचान की, ये क्षेत्र संभवत: जलीय बर्फ की मौजूदगी दर्शाते हैं.
‘बीबीसी न्यूज’ की खबर के अनुसार बर्फ के ये निशान एक दूसरे के विपरीत हैं, इनके बीच से एक रेखा चांद के मध्य से होकर गुजरती है, तो ऐसा लगता है कि यह इसकी घूर्णन अक्ष होती थी, एरीजोना स्थित प्लेनेटेरी साइंस इंस्टीट्यूट के मेट सीगलर और उनके सहकर्मियों ने इसे एक सतत लड़खड़ाहट या ‘वास्तविक ध्रुवीय विचलन’ करार दिया, इससे कुल छह डिग्री का स्थानांतरण हुआ है.
शोधकर्ताओं ने कहा कि इस स्थानांतरण की एक संभावित वजह प्रोसेलरम नामक क्षेत्र में ज्वालामुखी गतिविधि है, जो पिछले कई अरब साल से सक्रिय है, पृथ्वी से चांद की सतह पर जो गहरे निशान दिखाई देते हैं, उसमें से अधिकतर यह क्षेत्र है, शोधकर्ताओं ने कहा कि ज्वालामुखियों और संबंधित भू गतिविधियों के चलते यह चंद्रमा के बाकी हिस्से से ज्यादा गर्म और हल्का हो गया होगा.
‘नेचर’ नामक जर्नल में शोधकर्ताओं ने लिखा है, प्रोसेलरम क्षेत्र चांद के इतिहास के शुरुआती दौर में भूगर्भीय रूप से बेहद सक्रिय था, इसका अर्थ यह है कि ध्रुवीय परिवर्तन अरबों साल पहले शुरू हो गया था.
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