भारतीय मंगलयान के प्रक्षेपण का एक साल पूरा
देश के पहले अंतरग्रहीय मिशन \'मंगलयान\' के प्रक्षेपण का एक साल पूरा हो गया है.
मंगलयान प्रक्षेपण का एक साल पूरा (फाइल फोटो) |
इस यान का पिछले साल पांच नवंबर को आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा से प्रक्षेपण किया गया था और इसे इस साल 24 सितंबर को मंगल की कक्षा में स्थापित किया गया था.
भारत पहले ही प्रयास में मंगल की कक्षा में उपग्रह स्थापित करने वाला पहला देश बना था. इस उपलब्धि का गवाह बनने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के कमांड सेंटर में मौजूद थे.
इसरो मंगल पर सफल मिशन भेजने वाली दुनिया की चौथी एजेंसी है.
करीब 450 करोड रू पए की लागत वाले मंगलयान को पिछले साल पांच नंवबर को पीएसएलवी.सी25 राकेट के माध्यम से प्रक्षेपित किया गया था और नौ महीने में 65 करोड किमी की यात्रा के बाद इस साल 24 सितंबर को मंगल की कक्षा में पहुंचा था. यह मिशन करीब छह महीने तक सक्रिय रहेगा.
लगभग 485 किग्रावजनी मंगलयान के साथ पांच प्रयोगात्मक उपकरण मार्स कलर कैमरा, थर्मल इंफ्रारेड इमेजिंग स्पेक्ट्रोमीटर, मीथेन सेंसर फार मार्स, मार्स एक्सोफेरिक न्यूट्रल कंपोजीशन एनालाइजर और लाइमन एल्फा फोटोमीटर भी भेजे गए थे जिनसे आंकडे मिलने शुरू हो गए हैं.
अपने मिशन के दौरान मंगलयान लाल ग्रह के भौतिक गुणों और वायुमंडल का सीमित अध्ययन करेगा.
मार्स कलर कैमरे ने मंगल के उपग्रह फोबोस और मंगल की सतह की कई तस्वीरें भेजी हैं. इसरो ने मंगलयान से मिली पहली तस्वीर प्रधानमंत्री को भेंट की थी.
Tweet |