Uttarakhand में दंगाइयों द्वारा की जाने वाली हिंसा में सरकारी और निजी संपत्ति के नुकसान की भरपाई दंगाइयों से वसूली जाएगी

Last Updated 16 Mar 2024 06:47:01 AM IST

उत्तराखंड के राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्ति) गुरमीत सिंह (Gurmeet Singh) ने दंगाइयों द्वारा की जाने वाली हिंसा में हुए सरकारी और निजी संपत्ति के नुकसान की भरपाई दंगाइयों से ही करवाने के प्रावधान वाले 'उत्तराखंड लोक तथा निजी संपत्ति क्षति वसूली अध्यादेश, 2024' को शुक्रवार को मंजूरी दे दी।


उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी एवं राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्ति) गुरमीत सिंह

इसके साथ ही अब इस अध्यादेश ने कानून का रूप ले लिया है। जल्द ही नियमावली तैयार कर इसे प्रदेश में लागू किया जाएगा।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में पिछले दिनों हुई कैबिनेट की बैठक में इस अध्यादेश को मंजूरी मिली थी। इसके तहत एक या उससे अधिक दावा अधिकरण (ट्रिब्यूनल) का गठन किया जायेगा, जिसके फैसले को किसी भी सिविल न्यायालय में चुनौती नहीं दी जा सकेगी।

दावा क्षतिपूर्ति के अलावा दंगों और विरोध-प्रदर्शनों में मृत्यु पर न्यूनतम आठ लाख रुपये और घायल होने पर न्यूनतम दो लाख रुपये की जुर्माना राशि तय की गई है, जो उत्तर प्रदेश में लागू अधिनियम से अधिक है।

इससे पहले प्रदेश में सरकारी संपत्ति विरूपण अधिनियम लागू था, जिसमें डीएम को शिकायत करने का प्रावधान था। अध्यादेश में दावा अधिकरण की व्यवस्था की गई है, जो घटना में हुए नुकसान का प्रतिकर निर्धारित करेगा। इसके लिए उसे जांच कराने, नुकसान का आकलन करने और एक दावा आयुक्त नियुक्त करने का भी अधिकार होगा। मदद के लिए आकलनकर्ता भी नियुक्त हो सकेगा।

अधिकरण के पास सिविल न्यायालय की सभी शक्तियाँ होंगी। इस कानून के तहत संपत्ति की नुकसान की भरपाई बाजार मूल्य से कम पर नहीं होगी।

आईएएनएस
देहरादून


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