उत्तराखंड के जेंडर बजट में 350 करोड़ रूपये की वृद्धि

Last Updated 22 Mar 2015 03:55:48 PM IST

उत्तराखंड के जेंडर बजट में 2015-16 के लिये पिछली बार के मुकाबले 350 करोड़ रूपये की बढ़ोत्तरी की गयी है.




जेंडर बजट में 350 करोड रूपये की वृद्धि (फाइल फोटो)

महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देने और सरकार की चलायी जा रही विभिन्न योजनाओं में महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित करने की दृष्टि से यह बजट शुरू किया गया है. अगले वित्त वर्ष के लिये इस सप्ताह राज्य विधानसभा में पेश किये बजट में जेंडर बजट के लिये 3434,90 करोड़ रूपये का प्रावधान किया गया है जो पिछले बजट में 3081.98 करोड रूपये था. पिछले एक साल में जेंडर बजट में हुई यह वृद्धि 11.45 फीसदी है.

इस संबंध में प्रदेश की वित मंत्री इंदिरा हृदयेश ने कहा, जेंडर बजट समानता के उददेश्य की पूर्ति में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है और राज्य सरकार इस पूरी प्रक्रिया से मातृ शक्ति को सम्मानित करते हुए उन्हें सामाजिक और आर्थिक विकास के लिये अवसर उपलब्ध कराने के लिये संकल्पित है.

महिलाओं को उनके अधिकारों के सापेक्ष समुचित हिस्सा उपलब्ध कराने के लिये जेंडर बजट को पारंपरिक विभागों जैसे पुलिस, शिक्षा, स्वास्थ्य, महिला सशक्तिकरण, खाद्य, पर्यटन और उद्यान आदि तक सीमित न रखते हुए अन्य विभागों में भी महिलाओं के प्रति संवेदनशील बजट बनाने का प्रयास किया गया है.

जेंडर बजट के तहत विभागीय योजनाओं को दो श्रेणियों में विभाजित किया गया है. महिलाओं के लिये शत प्रतिशत बजट निर्धारण करने वाली योजनाओं को श्रेणी एक में और 40 प्रतिशत से अधिक बजट वाली योजनाओ को श्रेणी दो में रखा गया है.

बजट में महिलाओं के लिये कई नयी घोषणायें की गयी हैं. पर्यटन के लिये चलायी जा रही वीरचंद्र सिंह गढवाली योजना को और व्यापक करते हुए उसमें महिलाओं को 20 प्रतिशत कोटा दिये जाने की घोषणा की गयी है.

प्रांतीय रक्षक दल एवं होमगार्डस में भी महिलाओं के लिये 20 प्रतिशत आरक्षण की व्यवस्था का प्रस्ताव किया गया है.

एसिड हमलों की पीड़ित महिलाओं को राज्य सरकार दो लाख रू की आर्थिक सहायता प्रदान करेगी. वृद्धि महिलाओं के स्वास्थ्य एवं पोषण स्तर को बढावा देने के लिये मुख्यमंत्री महिला पोषण योजना की घोषणा की गयी है.

राज्य परिवहन निगम की बसों में 60 वर्ष से अधिक आयु की महिलाओं को निशुल्क बस यात्रा की सुविधा दी गयी है.

महिलाओं को स्वव्यवसाय से जोड़ने के लिये इंदिरा प्रियदर्शिनी कामकाजी महिला योजना प्रारंभ करने की बात बजट में की गयी है जबकि हल्द्वानी में स्थित राज्य के एकमात्र राजकीय महिला कालेज को इंदिरा प्रियदर्शिनी राजकीय कालेज आफ कामर्स के रूप में स्थापित किये जाने की भी घोषणा की गयी है.

महिलाओं के लिये खास तौर पर गठित महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग के लिये भी इस बजट में करीब 706 करोड रूपये का प्रावधान किया गया है.

इस बजट में न केवल योजनाओं की घोषणा की गयी है बल्कि उनके क्रियान्वयन और उसकी निगरानी पर पैनी नजर रखने के लिये खास तोैर से एक जेंडर सेल का भी गठन कर दिया गया है. वित विभाग के अधीन कार्यरत यह जेंडर सेल नियमित रूप से जेंडर बजट के विभिन्न पहलुओं की व्यवस्था कराने के साथ-साथ बजट के उपयोग और उसकी निगरानी को भी देखेगा.

गौरतलब है कि प्रदेश में जेंडर बजट सबसे पहली बार 2007-08 में लाया गया था और इसके लिये 333 करोड़ रूपये का प्रावधान किया गया था. उस समय, स्वास्थ्य, शिक्षा और महिला सशक्तिकरण जैसे विभागों को ही इसमें शामिल किया गया था.

पिछले नौ साल में जेंडर बजट की धनराशि में करीब 3102 करोड़ रूपये की वृद्धि हो चुकी है और एकाध विभागों को छोड़कर लगभग सभी को इसमें शामिल किया जा चुका है.



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