उत्तराखंड को केंद्रीय कैबिनेट में जगह मिलनी चाहिये थी : रावत

Last Updated 20 Nov 2014 05:47:37 PM IST

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि पहाड़ी राज्य को केंद्रीय मंत्रिमंडल में जगह मिलनी चाहिये थी.


कैबिनेट में मिलनी चाहिये थी जगह (फाइल फोटो)

साथ ही देहरादून में रावत ने विश्वास व्यक्त किया कि नरेंद्र मोदी सरकार हिमालयी राज्यों खासकर पिछले साल की प्राकृतिक आपदा झेलने वाले उत्तराखंड के प्रति सहानुभूतिपूर्ण रवैये वाली संप्रग की नीति को जारी रखेगी.

रावत ने एक साक्षात्कर में कहा, ‘यद्यपि अपने मंत्रिमंडल के लिये सदस्यों को चुनने का विशेषाधिकार केवल प्रधानमंत्री के पास है, मैं महसूस करता हूं कि अगर राज्य  को केंद्रीय मंत्रिमंडल में जगह मिलती तो यह बेहतर होता.’

हालांकि, उन्होंने कहा कि उन्हें विास है कि केंद्रीय मंत्रिमंडल में प्रतिनिधित्व न होना आपदा से उबरने के प्रयास में लगी राज्य सरकार को केंद्र से पूरे मन और उदारता से मदद मिलने के रास्ते में आड़े नहीं आयेगा.

उन्होंने कहा, ‘मुझे उम्मीद है कि मोदी सरकार, डा मनमोहन सिंह द्वारा हिमालयी राज्यों ,खासतौर से पिछले साल भीषण दैवीय आपदा को झेलने वाले उत्तराखंड के प्रति अपनायी गयी सहानुभूतिपूर्ण नीति को जारी रखेगी.’

रावत ने यह भी कहा कि वह आशा करते हैं कि प्रदेश से चुनकर गये भाजपा के पांचों लोकसभा सांसद संसद में राज्य से जुड़े मुददों को दमदार तरीके से उठायेंगे और यह सुनिश्चित करेंगे कि राज्य को उसका हक मिले.

यह पूछे जाने पर कि उनके द्वारा राज्य के पुनर्निर्माण और पुनर्वास के लिये मांगे गये 4000 करोड़ रूपये के अतिरिक्त पैकेज पर केंद्र की चुप्पी क्या पहाड़ी प्रदेश के प्रति उसके उदासीन रवैये को प्रदर्शित नहीं करती, मुख्यमंत्री ने कहा कि ऐसे किसी ‘कड़वाहट भरे निष्कर्ष’ पर पहुंच जाना अभी जल्दबाजी होगी.

उन्होंने कहा, ‘यह कहना ठीक नहीं है कि मोदी सरकार उत्तराखंड पर ध्यान नहीं दे रही है. मुझे मालूम है कि केंद्र में अक्सर कई मंत्रालयों से जुड़े होने वाली सरकारी प्रक्रिया के कारण कामों में देर हो जाती है. मुझे पूरी उम्मीद है कि मेरे द्वारा प्रधानमंत्री के समक्ष रखी गयी सभी मांगों पर उनका ध्यान जल्दी ही जायेगा.’

आपदा-ग्रस्त राज्य के पुनर्निर्माण और पुनर्वास के लिये 4000 करोड़ रूपये के अतिरिक्त पैकेज के अलावा मुख्यमंत्री रावत ने केंद्र से विकास की कीमत पर वन और पर्यावरण संरक्षण के लिये किये जा रहे उपायों के एवज में 2000 करोड़ रूपये के ग्रीन बोनस की भी मांग की है.

यह पूछे जाने पर कि वह अपने नौ महीने के कार्यकाल की सबसे बड़ी उपलब्धि क्या मानते हैं, रावत ने कहा कि इस सीजन की चारधाम यात्रा के सफल संचालन के जरिये राज्य से बाहर के लोगों में सुरक्षित उत्तराखंड का संदेश जाने को उनकी सरकार की महत्वपूर्ण उपलब्धियों में से एक माना जा सकता है.

उन्होंने कहा, ‘ऊंचाई वाले इलाके में मौसम की परेशानियों के चलते केदार घाटी में क्षतिग्रस्त ढ़ांचागत सुविधाओं की मरम्मत करना एक बड़ी चुनौती थी. हालांकि, समय रहते सब कुछ ठीक कर लिया गया और श्रद्धालु परेशानी मुक्त यात्रा कर सके. इससे प्रदेश के बाहर सुरक्षित उत्तराखंड का संदेश गया जिससे पर्यटन को बढ़ावा मिलने में मदद होगी.’

उन्होंने कहा कि करीब 500 लोग अभी भी केदारनाथ मंदिर के आस पास क्षतिग्रस्त ढ़ांचागत सुविधाओं को बहाल करने में लगे हैं और अगले साल से यात्रा और सुगम हो जायेगी.

मुख्यमंत्री ने फिर दोहराया कि केदारनाथ धाम और उसके आसपास के प्रभावित इलाकों के पुनर्निर्माण में भारतीय भूगर्भ सवेर्ंक्षण विभाग के दिशा निर्देशों का कड़ाई से पालन किया जायेगा और मंदिर के पास कोई निर्माण नहीं होने दिया जायेगा.



Post You May Like..!!

Latest News

Entertainment