उत्तराखंड में राजनीतिक सरगर्मियां हुईं तेज

Last Updated 08 Jul 2011 11:48:42 AM IST

उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव को लेकर सरगर्मियां तेज हो गयी हैं. नेता आपसी गिले-शिकवे दूर करने की कवायद में लग गये हैं.


पर्वतीय राज्य उत्तराखंड में विधान सभा चुनाव की तारीख धीरे-धीरे नजदीक आने के बीच सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी के कद्दावर नेताओं का आपसी मनमुटाव खत्म कराने की कोशिशें युद्धस्तर पर पहुंच चुकी हैं, जबकि नेता है कि उनके शिकवे खत्म होने के नाम नहीं ले रहे हैं. इस बीच पूर्व मुख्यमंत्री भुवन चंद्र खंडूरी की राजनीतिक सरगर्मियां भी तेज होने लगी हैं.
    
राज्य में गत लोकसभा चुनावों में पार्टी की हार के बाद मुख्यमंत्री पद से हटाये गये भुवन चंद्र खंडूरी ने बताया कि उनसे पार्टी के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने टेलीफोन पर राज्य की स्थिति के बारे में बातचीत की और उनको राज्य की स्थिति से अवगत करा दिया गया है लेकिन विकास के मसले पर जनता की ओर से जो लगातार शिकायतें आ रही हैं वह दुर्भाग्यपूर्ण है. इससे राजनाथ को थोडा बहुत अवगत करा दिया गया है बाकी बातें रूबरू होंगी.
    
उन्होंने कहा कि राजनाथ से टेलीफोन पर तो विस्तृत बातचीत नहीं हुई है लेकिन जब मुलाकात होगी तो विस्तार से बातचीत प्रस्तावित है.

पूर्व मुख्यमंत्री खंडूरी ने कहा कि राज्य के मुख्यमंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने भी उनसे मुलाकात कर उनके विधानसभा में किये गये विकास कार्यों के बारे में कुछ दस्तावेज सौंपे हैं. इसके अतिरिक्त उनके मुख्यमंत्री काल में उन्होंने जो घोषणायें की थीं उनके कार्यान्वयन के बारे में जानकारी दी गयी है.
   
खंडूरी ने बताया कि निशंक ने बीस पच्चीस मिनट तक बातचीत की और कुछ समस्याओं पर भी चर्चा की. ''मेरे कार्यकाल में मैंने जो घोषणायें की थीं उस पर अमल के बारे में मुझे कुछ कागज दिये गये हैं, मैं उनको देखने के बाद ही कुछ टिप्पणी करूंगा लेकिन जनता की ओर से विकास कार्य को लेकर शिकायतें आ रही हैं. आखिरकार तो हमें जनता के ही बीच में जाना है.
   
खंडूरी ने कहा कि जनता की ओर से विकास कार्यों को लेकर जो लगातार शिकायतें आ रही हैं, वह तो दुर्भाग्यपूर्ण ही हैं.
   
उन्होंने कहा कि हरिद्वार में पार्टी द्वारा आयोजित रैली में वह शिरकत कर रहे हैं तथा चुनाव प्रभारी तथा पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राजनाथ सिंह से विस्तार से बातचीत करेंगे.
   
खंडूरी ने कहा कि राजनाथजी ने मुझे टेलीफोन किया था और संगठन तथा सरकार के कार्यकलाप को लेकर बातचीत की थी. हालांकि खंडूरी ने बातचीत का विस्तृत ब्यौरा नहीं बताया लेकिन यह जरूर कहा कि मिलने पर विस्तार से बातचीत होगी.

खंडूरी से पिछले दिनों जब यह पूछा गया कि क्या उत्तराखंड क्रांति दल के पंवार गुट के अध्यक्ष त्रिवेन्द्र सिंह पंवार से मुलाकात के दौरान उनसे राज्य में तीसरे मोर्चे के गठन के बारे में चर्चा हुई थी तो खंडूरी ने बताया कि सामान्य बातचीत हुई है और उन्होंने अपने विचार रखे हैं लेकिन ऐसी कोई निर्णयात्मक बातचीत नहीं हुई है, जिसके आधार पर कुछ कहा जा सके.
    
यह पूछे जाने पर कि क्या भविष्य में ऐसी कोई संभावना बनती है तो उन्होंने कहा कि भविष्य के बारे में क्या कहा जा सकता है. अभी तो मैं पार्टी में हूं लेकिन भविष्य में क्या होगा, यह कौन कह सकता है.
    
उत्तराखंड में गत दिनों उक्रांद ने राज्य सरकार से समर्थन वापस ले लिया था, लेकिन उसके बाद पार्टी दोफाड़ हो गयी और राज्य सरकार में उक्रांद कोटे के मंत्री दिवाकर भट्ट अपने गुट के साथ अलग हो गये थे. भट्ट अभी भी मंत्री हैं लेकिन पंवार गुट ने इसके बाद से राज्य सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है और कुछ क्षेत्रीय नेताओं के साथ भाजपा और कांग्रेस से हटकर तीसरे मोर्चे के गठन को अंतिम रूप दिया.
 



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