मुख्यमंत्री अखिलेश ने शिवपाल सहित चार मंत्रियों को निकाला, मुलायम ने रामगोपाल को पार्टी से बाहर किया

Last Updated 24 Oct 2016 05:38:27 AM IST

समाजवादी परिवार का सियासी तापमान रविवार को ऐसा चढ़ा कि इसमें मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के दो चाचा 'झुलस' गये.




समाजवादी परिवार में उठापटक.

मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने चाचा शिवपाल सिंह यादव को अपनी कैबिनेट से बर्खास्त किया, तो रिएक्शन में पिता मुलायम सिंह यादव ने उनके दूसरे चाचा प्रो. रामगोपाल यादव को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया. ऐसे में समाजवादी पार्टी में फिलहाल सब कुछ 'ठीक' होता नहीं दिख रहा है.

इस मामले की शुरुआत रविवार की सुबह 6.30 बजे प्रो. रामगोपाल यादव के उस पत्र से हुई, जिसे उन्होंने मुंबई से अखिलेश के समर्थन में सभी विधायकों को लिखा. मीडिया को भी यह पत्र बाकायदा लीक किया गया. यह पत्र रामगोपाल ने तब लिखा, जब मुख्यमंत्री कुछ घंटे बाद ही विधायकों से अपने सरकारी आवास में मुखातिब होने वाले थे.

मुख्यमंत्री अखिलेश यादव भी रविवार को पूरी तैयारी से 'टीपू' की भूमिका में सब कुछ निपटा देने के मूड में थे. वे सुबह 8.30 बजे पिता मुलायम के घर 5, विक्रमादित्य मार्ग से अपने सरकारी आवास पहुंचे. वहां उन्होंने अपने विश्वसनीय अधिकारी को बुलाया और उनके जरिए राज्यपाल राम नाईक को चाचा शिवपाल समेत चार मंत्रियों की बर्खास्तगी की चिट्ठी भेज दी.

मुख्यमंत्री ने विधानमंडल दल की बैठक में यह निर्णय लिया. बैठक में 229 में 183 विधायक शामिल हुए. मुख्यमंत्री ने इस बैठक में शिवपाल और उनके समर्थक विधायकों तथा मंत्रियों को नहीं बुलाया था.

तेजी से बदलते घटनाक्रम के बीच इन मंत्रियों के बर्खास्तगी के चंद घंटों बाद सपा मुखिया ने पार्टी के 'थिंक टैंक' कहे जाने वाले और चाचा-भतीजे के द्वंद्व में मुख्यमंत्री अखिलेश के साथ मजबूती से खड़े रहे अपने चचेरे भाई रामगोपाल यादव को पार्टी से छह वर्ष के लिये निकाल दिया.

इसके बाद मुखिया मुलायम ने शाम को पार्टी के कोर ग्रुप की बैठक बुलायी. इतना ही नहीं सोमवार को पार्टी के सभी विधायकों, मंत्रियों और विधान परिषद सदस्यों के साथ भी बेहद अहम बैठक होगी. इससे पहले सुबह भी मुलायम विधायकों के साथ अपने आवास पर एक बैठक करेंगे.



रामगोपाल भाजपा से मिले हैं : शिवपाल
रामगोपाल को पार्टी से छह साल के लिए बाहर किये जाने की घोषणा करते हुए शिवपाल ने आरोप लगाया कि रामगोपाल अपने बेटे सांसद अक्षय यादव और उसकी पत्नी को सीबीआई जांच से बचाने के लिए भाजपा से मिलकर पार्टी में विवाद पैदा कर रहे हैं.

शिवपाल ने कहा, यह दोनों नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना एक्सप्रेसवे के इंजीनियर इन चीफ रहे यादव सिंह के भ्रष्टाचार के मामले में शामिल हैं. रामगोपाल ने नेताजी की भलमनसाहत और उनके राष्ट्रीय राजनीति में रसूख का अपने हितों के लिए इस्तेमाल किया है और पार्टी विरोधी ताकतों से मिलकर पार्टी को नुकसान पहुंचा रहे थे. वह हमेशा षडयंत्र करते रहे हैं. वह सपा नेताओं और कार्यकर्ताओं को अपमानित करते रहे हैं.

आज हो सकता है बड़ा फैसला 
अखिलेश यादव सरकार से रविवार को बर्खास्त किये गये काबीना मंत्री शिवपाल यादव ने यहां मीडिया से कहा कि उन्हें बर्खास्तगी की कोई चिंता नहीं है. उन्होंने कहा कि सोमवार को 'नेताजी' मुलायम सिंह यादव की अध्यक्षता में होने वाली बैठक में कोई महत्वपूर्ण फैसला लिया जा सकता है. उन्होंने कहा कि सपा के सभी लोग धैर्य से काम करते हुए 'नेताजी' के नेतृत्व में अगली सरकार बनाने के लिये चुनाव मैदान में जाएंगे.

श्री यादव ने कहा कि अब तो चुनाव सामने है और सपा के समर्पित कार्यकर्ता पूरी मजबूती से चुनाव मैदान में जाएंगे. मुख्यमंत्री अखिलेश को स्पष्ट संदेश देते हुए उन्होंने कहा  कि जनता हमारे साथ है. हम फिर से 'नेताजी' के नेतृत्व में 2017 में सरकार बनाएंगे.

 

 

समयलाइव डेस्क ब्यूरो


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