यूपी में भूकम्प के कारण 12 मरे, दर्जनों घायल
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ समेत सूबे के अधिकांश हिस्से शनिवार को भूकम्प के झटकों के कारण 12 लोगों की मौत हो गई.
गोरखपुर : भूकंप के और झटकों की आशंका से खौफजदां लोगों ने कचहरी क्लब मैदान में खुली आंखों से आसमान तले पूरी रात गुजारी. |
जलजले के कारण छत तथा दीवार गिरने की घटनाओं में कम से कम 12 लोगों की मौत हो गई तथा 20 से ज्यादा अन्य घायल हो गए.प्रदेश के लगभग सभी जिलों में कई बार आए भूकम्प की वजह से समूचे प्रदेश में भय और अफरातफरी का माहौल पैदा हो गया और घबराए लोग अपने-अपने घरों, दफ्तरों तथा दुकानों से बाहर निकल आए.
बार-बार भूकम्प आने से दहशतजदा अनेक लोगों ने खुले मैदानों की शरण ली और वहां काफी देर तक रुके रहे. जलजले से कई मकानों तथा इमारतों में दरारें आ गई और टेलीफोन, इंटरनेट समेत दूरसंचार सेवाओं पर असर पड़ा. भूकम्पजनित हादसों से बाराबंकी, गोरखपुर में तीन-तीन, महराजगंज, संतकबीरनगर में दो-दो, देवरिया, कुशीनगर, कानपुर देहात और श्रावस्ती में एक-एक व्यक्ति की मौत हो गयी. मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से फोन पर बात करके भूकम्प से प्रदेश में उत्पन्न स्थिति से अवगत कराया और प्रशासन को चौकस रहने के आदेश दिए.
साथ ही उन्होंने जलजले के कारण हुए हादसों में मारे गए लोगों के परिजन को पांच-पांच लाख तथा घायलों को 20-20 हजार रुपए सहायता देने का ऐलान किया है. इसके अलावा वरिष्ठ अधिकारियों को भूकम्प से हुए नुकसान का आकलन करने के निर्देश भी दिए हैं. मौसम विभाग के सूत्रों के मुताबिक लखनऊ में पूर्वाह्न 11 बजकर 45 मिनट पर करीब 30 सेकेंड और फिर करीब 12 बजकर 15 मिनट पर लगभग दस सेकेंड तक भूकम्प के झटके महसूस किए गए. अमेरिकी भूगर्भ सव्रेक्षण के मुताबिक भूकंप की तीव्रता 7.9 थी और उसका केंद्र नेपाल में था.
बाराबंकी से पुलिस थाना प्रभारी रविंद्र सिंह के हवाले से प्राप्त रिपोर्ट के मुताबिक मोहम्मदपुर खाला थाना क्षेत्र के वसंतापुर गांव में भूकम्प के दौरान ऊदल यादव नामक व्यक्ति के मकान की निर्माणाधीन दीवार ढहने से मलबे में दबकर श्यामा देवी (60) तथा शांति (छह) और खुशबू (आठ) की मौत हो गई. इस हादसे में आठ अन्य लोग भी घायल हुए हैं जिन्हें जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है. बाराबंकी के अपर जिलाधिकारी प्रेम प्रकाश पाल ने मृतकों के परिजन को दैवीय आपदा राहत कोष से सात-सात लाख तथा घायलों को 45-45 हजार रुपए सहायता देने की घोषणा की है.
इसके अलावा उनवल थाना क्षेत्र के एक गांव में एक महिला भूकम्प आने के बाद भयवश छत से कूद गई जिससे वह घायल हो गई. इसके अलावा मियां बाजार, रेती चौक, नक्खास तथा धर्मशाला बाजार जैसे पुराने इलाकों में बड़ी संख्या में मकानों की दीवारें और छतों में दरारें आ गई. संतकबीर नगर से थाना प्रभारी दिनेश यादव मुताबिक मेहदावल थाना क्षेत्र के पुरवा गांव में भूकम्प से कच्चा मकान ढहने से मलबे में दबकर खुशबू (8) नामक लड़की की मौत हो गई तथा दो अन्य लोग घायल हो गए.
इसके अलावा महुली थाना क्षेत्र के चवरिया गांव में भूकम्प के दौरान भागते वक्त दिल का दौरा पड़ने से सरिता (20) नामक युवती की मौत हो गई. इसके अलावा बघिरा क्षेत्र के गौरा गांव में भूकम्प की दहशत में मची भगदड़ के दौरान गिरने से विमला देवी (80) मौत हो गई. इस बीच, भूकम्प के कारण काठमांडो हवाई अड्डा बंद किए जाने की वजह से मुम्बई से नेपाल की राजधानी जा रहे विमान को लखनऊ हवाई अड्डे पर आपात्स्थिति में उतारा गया.
हवाई अड्डा निदेशक कार्यालय के मुताबिक मुम्बई से काठमांडो जा रहे जेट एयरवेज के विमान संख्या 266 को आपात स्थिति में अपराह्न एक बजकर 23 मिनट पर लखनऊ हवाई अड्डे पर उतारा गया और ईधन भरने के बाद दो बजकर 41 मिनट पर उसे वापस मुम्बई रवाना कर दिया गया. मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भूकम्प की सूचना मिलने पर स्कूलों में तत्काल छुट्टी करने का आदेश दे दिए. मुख्यमंत्री ने जलजले के कारण हुए हादसों में मारे गए लोगों के परिजन को सात-सात लाख तथा घायलों को 20-20 हजार रुपए सहायता देने का एलान किया है. इसके अलावा उन्होंने मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक के अलावा सभी जिलाधिकारियों और जिला पुलिस प्रमुखों को भूकम्प से हुए नुकसान का आकलन करने के निर्देश भी दिए.
लखनऊ के अलावा प्रदेश के फिरोजाबाद, प्रतापगढ़, हरदोई, बलरामपुर, जालौन, नोएडा, बलिया, सीतापुर, फर्रखाबाद, अमेठी, मैनपुरी, गाजियाबाद, हाथरस, सिद्धार्थनगर, लखीमपुर खीरी, बरेली, वाराणसी, सुलतानपुर, रायबरेली समेत अनेक अन्य जिलों में भी भूकम्प के झटके महसूस किए गए. इनमें से अनेक स्थानों पर जलजले के कारण इमारतों में दरारें पड़ गई.
सूबे में हाई अलर्ट
नेपाल में आये भूकम्प का असर यूपी में भी होने के बाद मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने प्रदेश में हाई अलर्ट की घोषणा कर दी. उन्होंने ट्विीट कर सभी जिलों के डीएम व एसपी को तुरन्त क्षेत्र का दौरा कर हालात का जायजा लेने के निर्देश दिए. मुख्यमंत्री ने भूकम्प से मरने वालों के प्रति संवेदना व्यक्त करते हुए उनके परिजनों को सात लाख रुपये की आर्थिक मदद देने की घोषणा की है. वहीं गंभीर रूप से घायलों को 50-50 हजार व मामूली रूप से घायलों को 20-20 हजार रुपये की आर्थिक मदद दी जाएगी.प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी भूकम्प प्रभावित राज्यों के मुख्यमंत्री से सम्पर्क कर हालात का जायजा लिया.
उन्होंने मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से भी बात करके हरसंभव मदद का आासन दिया. मुख्यमंत्री ने उन्हें भूकम्प से उत्पन्न स्थिति तथा इस सम्बन्ध में राज्य सरकार द्वारा उठाये गये कदमों की जानकारी दी. इसके बाद उन्होंने राहत कायरे को तेजी से शुरू करने के लिए ताबड़तोड़ कई निर्देश जारी करने शुरू कर दिए. मुख्य सचिव आलोक रंजन व डीजीपी एके जैन को हालात पर पैनी नजर रखने को कहा गया. सभी जिलों के डीएम व एसपी से कहा गया कि जहां भी भूकंप से जान-माल की हानि हुई है, वे खुद वहां जाकर राहत कायरे को शुरू करायें.
मुख्यमंत्री ने स्वास्थ्य मंत्री अहमद हसन को भूकंप की वजह से घायल हुए लोगों का अस्पतालों में मुफ्त इलाज कराने के निर्देश जारी करने को कहा. उन्होंने प्रदेश के सभी स्कूल व कालेजों को तुरन्त बंद करने के निर्देश दिये. नेपाल से सटे इलाकों व पूर्वी उत्तर प्रदेश में भूकंप का ज्यादा असर होने की वजह से पीएसी व नागरिक सुरक्षा संगठन को सक्रिय रहने को कहा गया, ताकि जरूरत पड़ने पर राहत पहुंचाई जा सके. नेपाल से लगे प्रदेश के चिकित्सालयों को तैयार रहने के निर्देश भेजे गये कि आवश्यकता पड़ने पर वे पीड़ितों को हरसंभव चिकित्सकीय सुविधा उपलब्ध करायें.
मुख्यमंत्री ने भूकम्प के कारण पड़ोसी देश नेपाल में हुई भारी जन-धन की क्षति पर दुख व्यक्त करते हुए कहा कि संकट की इस घड़ी में उत्तर प्रदेश की जनता तथा राज्य सरकार नेपाल के साथ है. उन्होंने कहा कि इस सम्बन्ध में नेपाल सरकार जो भी सहायता मांगेगी, उसे उपलब्ध कराने का पूरा प्रयास किया जाएगा. देर शाम प्रदेश सरकार की ओर से नेपाल को राहत सामग्री के तौर पर दस ट्रक बिस्कुट, दस ट्रक पानी की बोतलें व एक ट्रक दवाइयां भेजने की कवायद शुरू कर दी गयी थी.
आज भी ड्यूटी पर रहेंगे सरकारी कर्मचारी
मुख्य सचिव आलोक रंजन ने समस्त मण्डलायुक्तों एवं जिलाधिकारियों को भूकम्प से प्रभावित लोगों की मदद के निर्देश दिये है. उन्होंने रविवार को तहसील स्तर के अधिकारियों व कर्मचारियों को भूकम्प से प्रभावित लोगों की मदद के लिए ड्यूटी पर तैनात करने को कहा है. साथ ही राहत कायरे के बारे में शासन को अवगत कराया जाए.
उन्होंने पड़ोसी राज्यों के सीमावर्ती जनपदों के अस्पतालों में भी आवश्यक चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने के लिए पर्याप्त दवाइयों के साथ-साथ चिकित्सकीय स्टाफ की उपस्थिति सुनिश्चित कराने के निर्देश भी दिये है. उन्होंने कहा कि आपदा प्रबन्धन समितियों को तत्काल सक्रिय कर घायलों को आवश्यकतानुसार चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराई जाए. यदि कहीं भी भवन गिरने से मलबे आदि में कोई फंसा हो तो उसे यथाशीघ्र निकाल कर इलाज मुहैया कराया जाए.
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