जयन्ती के बहाने राजपूत मतों को रिझाने की कोशिश

Last Updated 17 Apr 2015 07:57:36 PM IST

उत्तर प्रदेश में सत्तारुढ समाजवादी पार्टी(सपा) ने पूर्व प्रधानमंत्री चन्द्रशेखर की जयन्ती पर आज सार्वजनिक छुट्टी और राज्य भर में उनकी जयन्ती आयोजित कर राजपूत मतों को रिझाने की कोशिश की.




पूर्व प्रधानमंत्री चन्द्रशेखर (फाइल फोटो)

अखिलेश यादव सरकार ने श्री चन्द्रशेखर की 88वीं जयन्ती पर सार्वजनिक अवकाश घोषित किया.

इस अवसर पर सपा के प्रदेश कार्यालय में मुख्य समारोह आयोजित हुआ. समारोह में मुख्य अतिथि हालांकि सपा अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव थे लेकिन मंच पर प्रदेश खाद्य एवं रसद मंत्री रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजाभैया,पर्यटन मंत्री ओम प्रकाश सिंह, विधायक कुलदीप सिंह सेंगर, ग्राम्य विकास मंी अरविन्द सिंह गोप, स्टाम्प मंत्री राजा अरिदमन सिंह, तिलोई के राजा मंयकेर शरण सिंह, सपा के वरिष्ठ नेता भगौती सिंह समेत कई लोग मौजूद थे.

राज्य में करीब छह फीसदी राजपूत मतदाता हैं. राजनीतिक प्रेक्षकों का मानना है कि सपा की नजर राजपूत मतों पर है. इसीलिए श्री चन्द्रशेखर की जयन्ती पर पहली बार छुट्टी की गयी और उनकी जयन्ती भव्यरुप में मनाने का निर्णय लिया गया.

लखनऊ में कार्यक्रम के संयोजक और चन्द्रशेखर स्मारक ट्रस्ट के मुखिया विधान परिषद सदस्य जसवन्त सिंह का हालांकि कहना है कि चन्द्रशेखर जी की जयन्ती को वोटबैंक से जोडकर नहीं देखा जाना चाहिए क्योंकि वह जातिवाद के मुखर विरोधी थे, इसीलिए उन्होंने अपने नाम के साथ कभी (सिंह) नहीं लगाया. वह केवल चन्द्रशेखर लिखते थे. उनके हस्ताक्षर में भी उपनाम नहीं होता था.

कमोवेश यही दावा लखनऊ में आयोजित समारोह के मुख्य अतिथि मुलायम सिंह यादव ने किया. श्री यादव ने कहा कि चन्द्रशेखर सही मायनों में समाजवादी थे. उनमें समाजवाद कूट कूटकर भ्ररा था. सपा अध्यक्ष ने चन्द्रशेखर जी के साथ बिताये क्षणों को याद किया और कई संस्मरण सुनाये.

उन्होंने कहा कि सटीक समाजवाद लाने के लिए चन्द्रशेखर के विचारों पर अमल करना ही होगा. चन्द्रशेखर जी कहा करते थे कि आलोचना बर्दाश्त करने वाले कभी नेता नहीं बन सकते.

उन्होंने कहा कि श्री चन्द्रशेखर को ,,जाति,, की सीमा में नहीं बांधा जा सकता. वह सामाजिक एकता के प्रबल पक्षधर थे. देश को एकजुट बनाये रखने के लिए उन्होंने देश की दो बार अमृतसर से अयोध्या, कश्मीर से कन्याकुमारी तक पदया की. लोकि निर्माण विभाग के मंी शिवपाल सिंह यादव ने कहा कि चन्द्रशेखर के जीवन से प्रेरणा मिलती है.

श्री चन्द्रशेखर के गृह जिले बलिया में भी कई आयोजन हुए. उनके पैतृक गांव इब्राहिमपट्टी में गांववालों ने उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की. चन्द्रशेखर द्वारा बलिया में स्थापित किये गये संस्थानों, विद्यालयों और उनकी स्मृति में बनाये गये स्थलों पर कार्यक्रम आयोजित किये गये. लोगों ने उनके चिा पर माल्यार्पण किया और उनको याद किया. चन्द्रशेखर उद्यान में सर्वधर्म प्रार्थनासथा का आयोजन किया गया. सपा के जिला कार्यालय में गोष्ठी हुई तथा जिला अस्पताल में मरीजों को फल वितरित किया गया.

देवस्थली विद्यापीठ, इजा देवी महाविद्यालय, कुंवर कानवेन्ट, ज्ञान पीठिका, ज्ञान कुंज एकेडकी में कार्यक्रम का आयोजन हुआ. जयप्रकाश नगर में जेपी ट्रस्ट द्वारा कार्यक्रम का आयोजन किया गया. बांसडीह ,बैरिया, इसारीसला, नगरा, सिकन्दरपुर, बेल्थरा रोड तथा चन्द्रशेखर के गांव इब्राहिमपट्टी में जयन्ती समारोह का आयोजन हुआ और लोगों ने चन्द्रशेखर को याद किया.

जौनपुर में चन्द्रशेखर विचार मंच द्वारा आयोजित जन्मदिवस कार्यक्रम आयोजित हुआ जिसमें उद्यानमंत्री पारसनाथ यादव ने कहा कि प्रखर समाजवादी पूर्व प्रधानमंी चन्द्रशेखर निजी स्वार्थों के लिए काम करने वालों के वह सख्त विरुद्ध थे और हमेशा उनके खिलाफ उन्होंने अपूर्व साहस और विास के साथ लडाई लडी, इसलिए उन्हें ‘युवा तुर्क‘ के नाम से जाना जाता था.

उन्होंने कहा कि उनके विचार आज भी प्रासंगिक है और युवाओं को हमेशा प्रेरणा देते रहेंगे. आजमगढ समेत कई अन्य जिलों में भी सपा के लोगों ने उनकी जयन्ती मनायी. प्रख्यात प्रवक्ता राजनीतिक चिन्तक धीरेन्द्र कुशवाहा कहते हैं कि चन्द्रशेखर की जयन्ती को धूमधाम से मनाये जाने के पीछे सपा की रणनीतिक चाल है.

उन्होंने कहा कि श्री चन्द्रशेखर के समर्थकों की अच्छीखासी संख्या है. सपा उन्हें रिझाने में जुटी है. समारोहों की भव्यता कम से कम उसी ओर इशारा करते हैं.





 



Post You May Like..!!

Latest News

Entertainment