बदायूं रेप केस : जांच में पकड़ा गया मुख्य गवाह का झूठ
बदायूं में सामूहिक बलात्कार मामले में सीबीआई ने कहा कि मुख्य गवाह झूठ पकड़ने वाली मशीन की जांच में विफल रहा है.
Badaun gang rape case (file photo) |
सीबीआई के मुताबिक मामले के एकमात्र गवाह नजरू की हाल में पॉलीग्राफिक जांच हुई. इसकी रिपोर्ट में मामले के मुख्य सवालों पर ‘उसके बयान में असंगति’ है.
नजरू के बयान के आधार पर उत्तर प्रदेश पुलिस ने मामला दर्ज किया था और अपने दो सिपाहियों सहित पांच लोगों को गिरफ्तार किया था. आरोप था कि आपस में रिश्तेदार दो लड़कियों से बलात्कार करने के बाद उनकी हत्या कर दी गई थी.
मामले में आए पहले मोड़ के तहत एजेंसी की तरफ से की गयी डीएनए जांच पर आधारित फोरेंसिक साक्ष्य में दोनों किशोरियों के यौन उत्पीड़न से इंकार किया गया था.
इसके बाद एजेंसी ने मामले में पांच आरोपियों के खिलाफ आरोपपत्र दायर नहीं किया था. पांचों आरोपी झूठ पकड़ने वाली मशीन की जांच में सफल हुए थे.
नजरू ने झूठ पकड़ने वाली जांच के दौरान स्वीकार किया कि उसके पास एक मोबाइल फोन था. पहले उसने मोबाइल फोन होने से इंकार किया था. सीबीआई ने कहा कि मुख्य गवाह का मोबाइल फोन बरामद कर लिया गया है और उसे फोरेंसिक जांच के लिए भेज दिया गया है ताकि पता लगाया जा सके कि उससे कोई डाटा तो नहीं मिटाया गया है.
सीबीआई ने पांच आरोपियों पप्पू, अवधेश और उर्वेश यादव (भाई) और सिपाही छत्रपाल यादव और सर्वेश यादव को दो नाबालिग लड़कियों से कथित बलात्कार और हत्या के आरोप में हिरासत में लिया था. उन सभी को उत्तर प्रदेश पुलिस ने गिरफ्तार किया था.
गौरतलब है कि मई के अंतिम हफ्ते में 14 और 15 वर्ष उम्र की दो चचेरी बहनों का शव उत्तर प्रदेश के बदायूं जिले में पेड़ से लटका मिला था. इस घटना का पूरे देश में विरोध हुआ था और कानून-व्यवस्था की स्थिति को लेकर उत्तर प्रदेश की समाजवादी पार्टी सरकार की चौतरफा आलोचना होने लगी थी.
सीबीआई ने आरोप लगाए थे कि स्थानीय चिकित्सक द्वारा किए गए पोस्टमार्टम में विसंगति थी.
Tweet |