आनंदपाल के लाडनूं में घर से मिले 70-80 करोड़ की संपत्ति के कागजात, कुर्क की तैयारी शुरू

Last Updated 27 Jul 2016 11:40:42 AM IST

फरार अपराधी आनंदपाल को तलाशने में जुटे पुलिस अधिकारियों ने आनंदपाल के परिजन, संपर्क सूत्रों और कारोबारी नेटवर्क पर दबाव बनाना शुरू कर दिया है.


आनंदपाल (फाइल फोटो)

नागौर पुलिस ने आनंदपाल के लाडनूं स्थित दयानंद कॉलोनी वाले घर में दबिश की और जांच की तो करीब 70 से 80 करोड़ की संपति के कागजाद पुलिस के हाथ लगे है. अब पुलिस इस पूरी संपति को कुर्क करने की तैयारी में जुटी है.

एसपी नागौर पी देशमुख अनिल के निर्देशों के बाद लाडनूं थानाधिकारी नागरमल कुमावत ने पूरी संपति को कुर्क करने के लिए इस्तगासा पेश किया है. जानकारी के मुताबिक फिरोती, डकैती जमीनों पर कब्जे करने के मकसद  से सांवराद आए आनंदपाल और उसके भाई रुपेंद्र पाल सिंह ने 21 जुलाई की रात जसवंतगढ़ थानाधिकारी लादूसिंह पर फायरिंग की और फरार हो गए.

जब आनंदपाल सिंह की धरपकड़ के लिए डीवाईएसपी नरसीलाल मीणा लाडनूं थानाधिकारी नागरमल कुमावत ने मय जाब्ते के साथ आनंदपाल के ठिकानों पर दबिश दी. इस दौरान आनंदपाल के दयानंद कॉलोनी लाडनूं स्थित मकान पर भी दबिश दी गई और घर की तलाशी ली गई.

तलाशी के दौरान आनंदपाल सिंह की पत्नी के नाम, उसके भाई रुपेन्द्रपाल सिंह एवं उसकी पत्नी के नाम और उसके रिश्तेदारों और अन्य लोगों के नाम करीब 70 से 80 करोड़ की नामी बेनामी सम्पति के दस्तावेज एक टेबलेट मोबाइल पुलिस को मिला. जिनको बतौर वजह सबूत के जब्त किया गया. जिनकी जांच की जा रही है.

जब्त दस्तावेजों के अनुसार गैंगस्टर आनंदपाल के पास अनेक गाडिय़ां, कृषि भूमि, फार्म हाउस, खान, प्लेट्स प्लाट है. गैंगस्टर ने ज्यादातर संपति अपने करीबी सहयोगी एवं विश्वासी होने के कारण धर्मेंद्र हरिजन उसकी पत्नी सीता देवी के नाम करवा रखी है.

धर्मेंद्र हरिजन के नाम सम्पतियों के संबंध में धर्मेंद्र हरिजन से पूछताछ की गई तो धर्मेंद्र हरिजन ने बताया कि मैंने पैसे देकर कोई संपति नहीं खरीदी है. इन लोगों ने डरा धमका कर अर्जित की गई सम्पतियां मेरे नाम करवाई है. मैंने इन सम्पतियों का आज दिन तक कभी उपयोग नहीं किया है.

गैंगस्टर ने केवल दूसरे लोगों के नाम से बेनामी सम्पति क्रय की है, बल्कि उन लोगों से पावर अटॉर्नी/हक त्याग परिजनों रिश्तेदारों के नाम लिखवा रखे हैं. गैंगस्टर अपने गुर्गों के मार्फत विवादित संपतियों को  मालिक या कब्जे धारियों को डरा धमका कर अपनी गैंग के सदस्य परिवारजनों के नाम करवा लेता है.

यें सभी सम्पतियां और वाहन गैंगस्टर ने अपराध कारित करके अर्जित की है. नागौर एसपी पी देशमुख अनिल ने कार्रवाई के बारे में बताया कि जब्त दस्तावेजों में अंकित संपति की कीमत करीब 70-80 करोड़ रुपए से भी अधिक है. इस संबंध में आयकर विभाग प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारियों को कार्रवाई के लिए लिखा जाएगा.

जिन लोगो की जमीनो पर कब्जा किया जाता है वे पुलिस मे मामला दर्ज करता है तो  प्रकरण दर्ज करवाने वाले लोगों को डरा धमकाकर मारपीट कर राजीनामा करने के लिए मजबूर कर देते हैं. गेंगस्टटर के गुर्गे और हिस्ट्रीसीटर निर्मल भरतिया अपने गिरोह के सदस्यो के साथ  मिलकर भोले भाले लोगों को जमीन बेचने के नाम पर बुला लेते हैं, एवं जमीन बेचकर कब्जा सुपुर्द नहीं करते और वही जमीन आधे से भी कम दाम पर वापिस ले लेते हैं या लोगों को डरा धमका कर भगा देते हैं.

इनमे से कई  जमीनों को लेकर कई बार मारपीट एवं अन्य घटनाएं हो चुकी है, जिसके सुजानगढ़,और लाडनूं थानों में प्रकरण दर्ज है. अब इन जमीनो को कुर्क कराने के लिए धारा 145 सीआरपीसी के तहत कुर्क करवाने के लिए नागरमल कुमावत थानाधिकारी पुलिस थाना लाडनूं ने इस्तगासा न्यायालय श्रीमान एसडीएम लाडनूं के कार्यालय में पेश किया है.



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