मां ने की दो बच्चों की हत्या, मिली उम्रकैद
सीकर में एक मां ने अवैध संबंधों में बाधक बने अपने दो मासूम बेटों की गला दबाकर हत्या कर दी, जिसके जुर्म में उसे आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है.
अदालत (फाइल) |
अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश द्वितीय राजेन्द्र चन्द्र गुप्ता ने कल 99 पृष्ठों में दिए अपने फैसले में कहा है कि मां को समाज में भगवान का दर्जा दिया जाता है, जिसकी छांव में बच्चे पल कर बड़े होते हैं.
बच्चे खुद को सबसे ज्यादा सुरक्षित अपनी मां के आंचल में ही समझते हैं. उसी मां ने अपने अवैध संबंधों के लिए एक नहीं बल्कि दो-दो बच्चों की निर्मम हत्या कर दी. ऐसी मां के प्रति नरमी का रूख अपनाना न्यायोचित नहीं है.
अतिरिक्त लोक अभियोजक सावित्री के अनुसार, अदालत ने अपने दो पुत्रों की हत्या करने के जुर्म में प्रिया को स्वाभाविक रूप से मृत्यु होने तक जेल में रखने के आदेश दिए हैं.
पुलिस की ओर से अदालत में पेश चालान के अनुसार, रामगढ़ शेखावाटी थाना क्षेत्र की पिया ने अवैध संबंधों में बाधक बने तीन साल के बेटे धुव और डेढ साल के आदित्य की 11 अप्रैल 2013 को तकिये से गला दबाकर हत्या कर दी थी. प्रिया का पति महाराष्ट्र के जलगांव में नौकरी करता था
चालान के अनुसार, परिजनों ने मृत बच्चों के पिता की गैरमौजूदगी में दोनों बच्चों के शवों को दफना दिया और पिया उसी दिन शाम को अपने प्रेमी बाबूलाल के साथ चूरू चली गई.
उसके पति संजय ने प्रिया के खिलाफ पुलिस में मामला दर्ज करवाया था. पुलिस की जांच में प्रिया ने अवैध सम्बधों को बरकरार रखने के लिए अपने दोनों बच्चों की हत्या करना कबूल कर लिया था.
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