प्रतियोगी परीक्षाओं के गढ़ कोटा में बढ़ रहे हैं आत्महत्या के मामले : रिपोर्ट

Last Updated 21 Jul 2015 05:33:08 PM IST

छात्रों के बीच प्रतियोगिता परीक्षाओं की तैयारियों के लिहाज से शिक्षा का गढ़ माने जाने वाले राजस्थान के कोटा शहर में आत्महत्या के मामले बढ़ रहे हैं.




कोटा में बढ़ रहे हैं आत्महत्या के मामले (फाइल फोटो)

कोटा शहर में 2014 में लोगों द्वारा आत्महत्या करने की घटनाओं में 61 फीसदी का इजाफा हुआ और इनमें मुख्य वजह प्रतियोगी परीक्षाओं और प्रेम में विफलता और पारिवारिक समस्याएं रहीं.

राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो की 2014 की रिपोर्ट के अनुसार, कोटा में आत्महत्या की घटनाओं में 61.3 फीसदी इजाफा हुआ है और यह कदम उठाने वाले अधिकतर छात्र हैं.

2013 के आंकड़े दिखाते हैं कि शहर में आत्महत्या के 62 मामले दर्ज किए गए थे. ब्यूरो ने आत्महत्या के पीछे 18 कारणों को सूचीबद्ध किया है लेकिन इनमें से सबसे प्रमुख कारण परीक्षाओं में विफलता, प्रेम संबंधों का टूटना और पारिवारिक समस्याएं हैं.

रिपोर्ट के अनुसार, वर्ष 2014 में कोटा में आत्महत्या के 100 मामलों में से 45 मामले छात्रों द्वारा आत्महत्या किए जाने के थे जिन्होंने परीक्षा में विफल रहने पर यह कदम उठाया. इसके अलावा 26 ने प्रेम में विफल रहने पर और 24 ने पारिवारिक कारणों से जीवनलीला समाप्त की जबकि पांच मामलों में कोई कारण पता नहीं चल सका.

इन 100 मामलों में से 73 में पुरूषों और 27 में महिलाओं द्वारा खुदकुशी की गयी.

आपराधिक आंकड़ों के वाषिर्क विश्लेषण के अनुसार, राजस्थान के जोधपुर और जयपुर जैसे शहरों के मुकाबले कोटा में आत्महत्या के सबसे अधिक मामले पाए गए. राजस्थान में परीक्षा में विफल रहने पर की गयी आत्महत्या के 84 मामलों में से 45 मामले कोटा के थे.

प्रेम में विफल रहने पर आत्महत्या के मामले में कोटा में सर्वाधिक मामले सामने आए जबकि जयपुर और जोधपुर क्र मश: दूसरे और तीसरे स्थान पर थे.

प्रेम में विफलता के कारण आत्महत्या करने के आंकड़ों ने उन माता पिता के लिए चिंता पैदा कर दी है जो अपने बच्चों को एक बेहतर भविष्य के लिए कोटा भेजते हैं.

ऐलन इंस्टीट्यूट में रसायन शास्त्र पढ़ाने वाले विनोद कुमार शर्मा कहते हैं कि छात्रों को लगातार तनाव से बचने की सलाह दी जाती है जो पढाई के कारण निराश महसूस करते हैं. माता-पिता की उम्मीदों और पढ़ाई का बोझ इस प्रकार के मामलों के पीछे मुख्य कारण है.

ब्यूरो के आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2014 में राजस्थान में 4459 लोगों ने आत्महत्या की जिनमें 3235 पुरूष और 1224 महिलाएं थीं.



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