राजस्थान में सौ साल से रासलीला की परम्परा कायम
राजस्थान के बीकानेर में एक मंदिर ऐसा भी है जहां पर सौ साल से लगातार शरद पूर्णिमा पर रासलीला का आयोजन का सिलसिला अनवरत जारी है.
सौ साल से रासलीला की परम्परा कायम (फाइल फोटो) |
जिस मंदिर में रासलीला का आयोजन सालों से हो रहा है, मन्दिर महंत का दावा है कि मंदिर में भगवान राम की पत्तों पर बनी जन्म कुंडली आज भी सुरक्षित रखी हुई है.
बिन्नाणी चौक स्थित रघुनाथ मंदिर में भगवान श्रीकृष्ण का वेश धारण कर छोटे-छोटे बच्चे रात 12 बजे से अगले दिन सुबह 8 बजे तक लगातार रासलीला करते है.
सालों से चली आ रही परम्परा के तहत रासलीला का आयोजन सोमवार को किया गया. जो मंगलवार सुबह तक जारी था. इस अवसर पर मंदिर को विशेष रूप से श्रृंगारित किया गया और रंग-बिरंगी रोशनी से सजाया गया.
मंदिर महंत मनीष स्वामी ने कहा कि सौ वर्ष से शरद पूर्णिमा के अवसर पर रासलीला का आयोजन किया जाता रहा है, जिसमें भगवान श्रीकृष्ण व राधा के राजदरबार की रासलीला होती है.
जिसमें परंपरागत लोकगीतों की धुनों पर श्रीकृष्ण नृत्यों का आयोजन होता है. मंदिर में इस दिन महाआरती होती है.
महंत बताते है कि यहां पर रामनवमी के दिन भी विशेष आयोजन होते है. इस दिन यहां पर भगवान राम की जन्म कुंडली का वाचन किया जाता है.
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