पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपाणी 1206 को अपना भाग्यशाली अंक मानते थे और उन्होंने वर्षों से अपने सभी वाहनों का रजिस्ट्रेशन नंबर यही रखा था।

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यह अंक अब भारत के इतिहास की सबसे भयावह विमान दुर्घटनाओं में से एक का पर्याय बन गया है, जिसमें बृहस्पतिवार को रूपाणी और 264 अन्य लोगों की जान चली गई।
रूपाणी लंदन जाने वाली एअर इंडिया की उड़ान में सवार 242 लोगों में शामिल थे, जो बृहस्पतिवार दोपहर सरदार वल्लभभाई पटेल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से उड़ान भरने के कुछ ही देर बाद मेघाणी नगर इलाके में एक मेडिकल कॉलेज और छात्रावास की इमारत से टकरा गई थी।
पूर्व मुख्यमंत्री 1206 को अपना भाग्यशाली अंक मानते थे, लेकिन अब 12 जून (12/06) की तारीख उनकी अंतिम यात्रा की तारीख बन गई।
रूपाणी के गृहनगर राजकोट के लोग उनकी कार के नंबर 1206 से पहचान लेते थे। राजकोट के स्थानीय लोगों और पत्रकारों के अनुसार, रूपाणी के स्कूटर और कारों पर एक ही नंबर था।
रूपाणी लंदन में अपनी बेटी के घर जा रहे थे जहां उनकी पत्नी अंजलिबेन पहले से हैं। वह भी भाजपा की सक्रिय सदस्य हैं। अंजलिबेन शुक्रवार की सुबह गांधीनगर पहुंचीं।
गुजरात प्रदेश भाजपा प्रमुख और केंद्रीय जल शक्ति मंत्री सी आर पाटिल ने बृहस्पतिवार को विमान दुर्घटना में रूपाणी की मौत की पुष्टि की। 68 वर्षीय नेता अपने शांत स्वभाव और दृढ़ प्रशासनिक शैली के लिए जाने जाते थे।
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