पलानीस्वामी ने तमिलनाडु के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली
ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (एआईएडीएमके) की महासचिव वी.के. शशिकला के विश्वासपात्र ई.पलानीस्वामी द्वारा गुरुवार को राज्य के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के साथ ही राज्य में सत्ता को लेकर चल रहे संघर्ष का पटाक्षेप हो गया.
पलानीस्वामी को राज्यपाल ने मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाई (फाइल फोटो) |
सरकार गठन करने का न्योता देने के कुछ घंटों बाद राज्यपाल सी. विद्यासागर राव ने राजभवन में पलानीस्वामी और उनके मंत्रियों को पद व गोपनीयता की शपथ दिलाई.
सबसे पहले पलानीस्वामी (63) ने तमिल भाषा में शपथ ली. उनके बाद उनके मंत्रिमंडल के 30 मंत्रियों ने शपथ ली.
पलानीस्वामी ने अति महत्वपूर्ण वित्त मंत्रालय को अपने पास रखा है. ओ.पन्नीरसेल्वम की सरकार में भी यह मंत्रालय उन्हीं के पास था.
पेशे से एक किसान पलानीस्वामी ने अपने पास लोक निर्माण, राजमार्ग एवं छोटे बंदरगाह विभाग भी अपने पास ही रखे हैं. पन्नीरसेल्वम की सरकार में ये विभाग भी उन्हीं के पास थे.
राजभवन ने एक बयान में कहा कि पार्टी के वरिष्ठ नेता सी. श्रीनिवासन तथा के.ए.सेनगोट्टैयन को वन मंत्रालय, स्कूली शिक्षा व खेल तथा युवा कल्याण मंत्रालय सौंपा गया है.
पी.थंगमणि को विद्युत, मद्य निषेध व आबकारी मंत्रालय सौंपा गया है.
अन्य मंत्रियों में के.राजू, एस.पी.वेलुमणि, डी.जयकुमार, सी वी शणमुगम, के.पी.अनबलगन, वी.सरोजा, एम. सी. संपत, के.सी. करुप्पनन, आर. कामराज, के.राधाकृष्णन, सी. विजय भास्कर, आर.दोराईक्कानू, कादंबर राजू, आर.बी.उदयकुमार, एन.नटराजन, के.सी.वीरमणि, के.टी.राजेंद्र भालाजी, पी.बेंजामिन, नीलोफर काफिल, एम.आर.विजयभास्कर, एम.मानिकंदन, वी.एम.राजलक्ष्मी, जी.भास्करण, एस.रामचंद्रण, एस.वालारमाथी, पी.बालकृष्ण रेड्डी शामिल हैं.
पन्नीरसेल्वम ने पांच दिसंबर को मुख्यमंत्री जे.जयललिता के निधन के बाद मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी.
शशिकला को पहले एआईएडीएमके का महासचिव और उसके बाद विधायक दल का नेता चुना गया, ताकि वह पन्नीरसेल्वम की जगह खुद मुख्यमंत्री पद की कमान संभाल सकें.
लेकिन, पन्नीरसेल्वम ने शशिकला से बगावत कर दी, जिसके बाद पार्टी दो गुटों में बंट गई.
पन्नीरसेल्वम ने कहा है कि वह एआईएडीएमके को किसी एक परिवार (शशिकला) की जागीर बनने से रोकने के लिए अपना संघर्ष जारी रखेंगे.
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