आरक्षण विवाद: तनाव कम हुआ, कर्फ्यू में ढील दी गई
गुजरात में पटेल समुदाय द्वारा आरक्षण की मांग को लेकर किए गए आंदोलन के बाद पैदा हुए तनाव में पूरे राज्य में कमी आई है.
गुजरात में कर्फ्यू में ढील दी गई. |
शुक्रवार को कहीं किसी बड़ी अप्रिय घटना की खबर नहीं है. कई शहरों और अहमदाबाद के कई इलाकों से कर्फ्यू हटा लिया गया है.
पटेल समुदाय की आरक्षण की मांग के आंदोलन का नेतृत्व कर रहे हार्दिक पटेल ने इस मुद्दे पर बातचीत की संभावना को खारिज करते हुए कहा कि उनका एकमात्र उद्देश्य पटेल समुदाय को अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) श्रेणी में शामिल कराना है, न कि आरक्षण प्रणाली को समाप्त कराना.
बी कॉम तक पढ़ाई कर चुके 22 साल के हार्दिक ने यह भी कहा कि जब तक उन्हें सफलता नहीं मिलती आंदोलन को और बढ़ाया जाएगा. पटेल ने एक साक्षात्कार में कहा, ''हमारा एकमात्र उद्देश्य ओबीसी श्रेणी में पटेल समुदाय को शामिल कराना है. हम तब तक नहीं मानेंगे, जब तक हमारी मांग पूरी नहीं होती.''
जब हार्दिक से पूछा गया कि अगर पटेलों को ओबीसी श्रेणी में शामिल नहीं किया जाता तो क्या आरक्षण व्यवस्था पूरी तरह समाप्त कर देनी चाहिए तो उन्होंने कहा, ''हम यह नहीं चाहते कि आरक्षण व्यवस्था समाप्त हो जाए, जैसी कि बात हो रही है. हम केवल पटेलों के लिए ओबीसी आरक्षण चाहते हैं.'' अधिकारियों ने बताया कि गुजरात में स्थिति धीरे-धीरे सामान्य हो रही है.
शहर नियंत्रण कक्ष के एक पुलिस अधिकारी ने कहा ''अहमदाबाद के नारनपुरा, घटलोदिया और वडाज पुलिस थाना क्षेत्रों से कर्फ्यू हटा लिया गया है. इन इलाकों में किसी भी तरह की हिंसा की खबर नहीं होने के बाद यह निर्णय लिया गया.''
उन्होंने बताया ''शहर के अन्य इलाकों में स्थिति सामान्य है और अगर वहां भी तनाव में कमी आती है तो हम लोग कर्फ्यू हटा लेंगे.''
अहमदाबाद शहर के नौ इलाकों निकोल, ओधव, रामोल, बापूनगर, घटलोदिया, नारनपुरा, नरोदा, कृष्णानगर और वडाज में बड़े पैमाने पर हिंसा, आगजनी और पथराव की घटनाओं के बाद 26 अगस्त को कर्फ्यू लगा दिया गया था. अहमदाबाद के जिला कलेक्टर राजकुमार बेनीवाल ने कहा कि कुछ शहरी इलाकों में आज सेना ने फ्लैग मार्च जारी रखा. उन्होंने बताया कि स्थिति शांतिपूर्ण और नियंत्रण में है और पिछले 24 घंटों में हिंसा की कोई खबर नहीं है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल द्वारा शांति की अपील के बावजूद आंदोलन का नेतृत्व कर रहे पटेल समुदाय के 22 वर्षीय नेता हार्दिक पटेल ने ओबीसी कोटा के अंतर्गत नौकरियों और शिक्षा में आरक्षण की मांग का समर्थन करने के लिए कल अपने समुदाय के किसानों को शहर में सब्जी और दूध जैसी आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति नहीं करने के लिए कहा. उन्होंने हिंसा में मरने वाले प्रति व्यक्ति के परिजन को 35-35 लाख रुपये की मुआवजा राशि देने की मांग भी की.
उधर, गुजरात उच्च न्यायालय ने आरक्षण आंदोलन के दौरान हिंसा में पटेल समुदाय के 32 वर्षीय व्यक्ति की हिरासत में मौत के मामले की आज सीआईडी से जांच का आदेश दिया. यह आदेश उस समय दिया गया जब इस व्यक्ति की दूसरी पोस्टमार्टम रिपोर्ट में कहा गया कि सिर पर गंभीर रूप से चोट लगने की वजह से उसकी मौत हुई. न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला ने श्वेतांग पटेल की मौत की सीआईडी से जांच कराने का निर्देश दिया.
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