जीएसटी ने किया दिल्ली सरकार को मालामाल

Last Updated 01 Nov 2017 03:58:23 AM IST

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा जीएसटी लागू करते ही केजरीवाल सरकार को भारी लाभ मिलना शुरू हो चुका है. जीएसटी लागू होते ही दिल्ली सरकार के राजस्व में भारी इजाफा हुआ है.


जीएसटी ने किया दिल्ली सरकार को मालामाल

राजधानी में पंजीकृत व्यापारी करीब चार लाख हैं, जिनमें से तीन लाख ने जीएसटी पंजीकरण करा लिया है, जिससे राजस्व में बढ़ोतरी हो चुकी है.

जीएसटी से दिल्ली सरकार को 30 अक्टूबर तक 13,815 करोड़ रुपए राजस्व वसूली हो चुकी है जो बेहद उत्साहवर्धक है. वर्ष 2016 में 30 अक्टूबर तक दिल्ली को 12,384 करोड़ वैट प्राप्त हुआ था. इस प्रकार दिल्ली सरकार को जीएसटी लागू होने के प्रारंभिक चार महीने में ही राजस्व में 16 प्रतिशत का इजाफा हुआ है.

सूत्रों के अनुसार दिल्ली के करीब एक लाख व्यापारी जीएसटी पंजीकरण से अभी भी कतरा रहे हैं. यानि व्यापारियों द्वारा जीएसटी के घेरे से बाहर रहने की जुगत जारी है. शेष तीन लाख व्यापारियों द्वारा कर जमा करने से ही दिल्ली सरकार के पास 30 अक्टूबर तक 13,915 करोड़ की राशि जमा हो चुकी है. यह प्रारंभिक जानकारी है क्योंकि जीएसटी को पूर्ण रूप से लागू करने में एक वर्ष का समय लगना संभव है.

व्यापारियों के मन में जीएसटी डर न समा जाए, इस भय से दिल्ली सरकार ने जीएसटी अधिकारियों को किसी व्यापारी पर कर न अदा करने पर कार्रवाई न करने का आदेश दिया है. इस आदेश के कारण जीएसटी विभाग का इनफोर्समेंट विभाग अभी ठप है. इस विभाग द्वारा व्यापारियों पर नकेल कसने से राजस्व में इजाफा संभव है. 

वर्ष 2015-15 में दिल्ली सरकार ने वैट से 24000 करोड़ राजस्व वसूली का लक्ष्य रखा लेकिन वसूली न होने के कारण लक्ष्य को घटाकर 20 हजार करोड़ कर दिया. लेकिन वर्ष 2017 में जीएसटी लागू होने के चार महीने में ही सरकार के पास 13,815 करोड़ राशि जमा हो चुकी है यानि जीएसटी से दिल्ली सरकार के पास राजस्व में बढ़ोतरी शुरू हो चुकी है. दिल्ली सरकार ने लगातार केन्द्र के साथ रार के बावजूद जीएसटी का पुरजोर समर्थन किया है, इसकी वजह यही है कि दिल्ली सरकार को राजस्व में बढ़ोत्तरी की पूरी संभावना थी जो सच साबित हुई है.

संजय के झा
सहारा न्यूज ब्यूरो


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