निकाह के बहाने मुस्लिम महिलाओं की तस्करी
निकाह के बहाने मुस्लिम महिलाओं की तस्करी के मद्देनजर विदेश मंत्रालय से अनुरोध किया है कि सभी पश्चिम एशियायी देशों में भारतीय दूतावासों को शेखों को वीजा जारी करने से पहले उनकी पृष्ठभूमि की कड़ी जांच करने के निर्देश दिये जाएं.
(फाइल फोटो) |
राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष सैयद गय्यरुल हसन रिजवी ने इस संबंध में विदेश मंत्री सुषमा स्वराज को एक पत्र लिखकर यह अनुरोध किया. उन्होंने कहा कि नयी दिल्ली के निजामुद्दीन पश्चिम निवासी एक वकील महमूद प्राचा ने आयोग को शिकायत की है कि निकाह की आड़ में देश के विभिन्न भागों से मुस्लिम महिलाओं की पश्चिमी देशों में तस्करी की जा रही है, जो एक गंभीर मामला है. शेखों की पष्ठभूमि की हो जांच आयोग ने कहा कि यह तथ्य है कि कुछ एजेंट ओमान, कतर और अन्य पश्चिम एशियायी देशों से आने वाले शेखों के साथ अनुबंध निकाह के लिए गरीब परिवारों की मुस्लिम महिलाओं को लालच देते हैं.
हैदराबाद और देश के अन्य भागों में लंबे समय से दलालों, काजी, होटल मालिकों और शेखों का गठजोड़ चल रहा है.
आयोग ने कहा कि हाल में हैदराबाद पुलिस ने आठ शेखों को गिरफ्तार किया, जो हैदराबाद में एजेंटों और काजियों के सहयोग से किशोरवय लड़कियों से निकाह करके उन्हें अपने देश ले जाने वाले थे. वहां पहुंचने पर इन लड़कियों को छोड़ दिया जाता.
मुस्लिम लड़कियों को प्रताड़ित किया जाता या बेच दिया जाता और उनसे जबरन जिस्मफरोशी करायी जाती है. पहले से शादीशुदा ये शेख कई लड़कियों से नौकरानी का काम कराते हैं.
आयोग ने कहा कि इन सब बातों को देखते हुए उसका विचार है कि विदेश मंत्रालय को विशेषकर पचास वर्ष से अधिक उम्र के शेखों को वीजा जारी करने से पहले उनकी पृष्ठभूमि की कड़ाई से जांच और सत्यापन करना चाहिए. आयोग ने कहा कि इस मुद्दे से सख्ती से निपटने की जरूरत है क्योंकि इससे देश की बदनामी होती है.
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