पूर्व थाना अध्यक्ष को पांच वर्ष की कैद
राजधानी में हिरासत के दौरान एक व्यक्ति की मौत के मामले में अदालत ने एक पूर्व थानाध्यक्ष को दोषी करार देते हुए पांच साल की सजा सुनाई है.
पूर्व थाना अध्यक्ष को पांच वर्ष की कैद |
अदालत ने अपने फैसले में कहा है कि इस तरह के अमानवीय अपराध कानून की नजर में अक्षम्य हैं और इसके लिए सजा में किसी तरह की नरमी की कोई गुंजाइश नहीं है. अदालत ने अभियुक्त पर 35 हजार रुपए जुर्माना भी लगाया है.
विशेष न्यायाधीश पूनम चौधरी ने 71 वर्षीय सेवानिवृत्त पुलिस निरीक्षक धर्मपाल यादव को आईपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत कठोर सजा सुनाई.
अदालत ने अपने फैसले में कहा कि पूर्व थाना अध्यक्ष अपराधी और हिरासत में लिए गये लोगों से मारपीट व र्दुव्यवहार के लिए जिम्मेदार है, जिसके चलते पीड़ित की मौत हो गई. अदालत ने कहा कि यादव और सह-आरोपियों को बचाने के लिए कमरे को साफ कर सबूत मिटाने की कोशिश की गई.
ज्ञात हो कि यह घटना 1997 की है जब हरिशंकर नामक व्यक्ति की हिरासत में मौत हो गई थी. उस दौरान यादव हौज काजी थाने का प्रभारी थे.
इस मामले में सह-आरोपी और दिल्ली पुलिस के सहायक उप निरीक्षक राम चंदर की मामले की सुनवाई के दौरान मौत हो गई थी और उस पर से आरोप खत्म कर दिए गए.
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