अन्ना के मंच से बोले केजरीवाल, दिल्ली में नहीं होने देंगे जबरन जमीन अधिग्रहण
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भूमि अधिग्रहण अध्यादेश के खिलाफ सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे के आंदोलन का पूरा समर्थन करते हुए कहा कि वह राजधानी में किसी की जमीन का जबरन अधिग्रहण नहीं होने देंगे.
...जंतर-मंतर पर मिले केजरी-अन्ना |
केजरीवाल ने भूमि अधिग्रहण को लेकर जंतर-मंतर पर दो दिन से धरना दे रहे अन्ना के मंच से ऐलान किया कि वह तन मन धन से अन्ना के आंदोलन का समर्थन करते हैं.
उन्होंने कहा कि दिल्ली में जमीन का मामला यू तो केन्द्र के अधीन है और राज्य सरकार का इसमें कोई दखल नहीं है लेकिन वह लोगों को विश्वास दिलाते हैं कि उनकी जमीन का
जबरन अधिग्रहण नहीं किया जायेगा.
उन्होंने कहा कि यदि विकास के लिये किसी की जमीन ली भी जायेगी तो उसे बाजार कीमत के आधार पर मुआवजा दिया जायेगा.
उन्होंने आरोप लगाया कि केन्द्र सरकार यह कहकर लोगों को बरगला रही है कि जमीन का मुआवजा वर्तमान स्तर की कीमतों से चार गुना दिया जायेगा. उन्होंने कहा कि जिस जमीन की बाजार कीमत 20 हजार रूपये है उसकी वैसे कीमत दो हजार रूपये दिखाई जाती है.
यदि सरकार यह जमीन लेगी तो उसका चार गुना यानि आठ हजार रूपये ही अदा करेगी जो बाजार कीमत का आधा भी नहीं है. उन्होंने सरकार के इस कदम को पूरी तरह किसान विरोधी करार दिया.
उन्होंने सरकार को चेताया कि जनता पर बुलडोजर चलाने से देश नहीं चलेगा. सबको साथ लेकर चलना होगा वरना जनता आप पर बुलडोजर चला देगी.
केजरीवाल ने बताया कि दिल्ली में साढे तीन सौ से अधिक गांव हैं और चुनावों के दौरान जब वे वहां गए तो लोगों ने कहा कि वह स्कूलों और अस्पतालों को खोलने के लिए खुशी खुशी अपनी जमीन देने को तैयार हैं.
उन्होंने अन्ना हजारे को अपना गुरु और पिता समान बताते हुए उनसे दिल्ली सचिवालय आने का आग्रह किया और कहा कि वह केवल दस मिनट के लिये ही सही दिल्ली सचिवालय आयें और हमें अपना काम ईमानदारी और निष्ठा से करने के लिये प्रेरणा दे.
उन्होंने कहा आपके दिल्ली सचिवालय आने से वह जगह शुद्ध हो जायेगी.
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