मध्य प्रदेश में स्थित चिड़ियाघर में सफेद बाघिन की मौत
सतना में मुकुंदपुर स्थित चिड़ियाघर में पांच साल की एक सफेद बाघिन की मौत हो गई.
सफेद बाघिन की मौत (फाइल फोटो) |
चिड़ियाघर के सूत्रों ने बताया कि इस बाघिन को राधा नाम से जाना जाता था तथा इसने पिछले चार-पांच दिन से खाना-पीना बंद कर दिया था. इस बाघिन के बाड़े में एक बाघ को मिलन के लिए रखा था, लेकिन इसकी बजाय उस बाघ ने बाघिन पर तकरीबन 20 दिन पहले हमला कर दिया, जिससे वह बुरी तरह से घायल हो गई थी.
सतना के वनमंडलाधिकारी आर बी शर्मा ने बताया कि उपचार के दौरान कल रात इस बाघिन ने चिड़ियाघर में दम तोड़ दिया. यह चिड़ियाघर मध्यप्रदेश में व्हाइट टाइगर सफारी के नाम से प्रसिद्ध है.
उन्होंने कहा कि इस बाघिन का जन्म जुलाई 2011 में हुआ था तथा इस़ी साल इसे भिलाई से मुकुंदपुर चिड़ियाघर में लाया गया था. चिड़ियाघर के अधीक्षक के. पी. सिंह से फोन पर बार-बार संपर्क करने के प्रयासों के बावजूद उनसे इस संबंध में बात नहीं हो सकी.
शर्मा ने बताया कि चिड़ियाघर को सील कर दिया गया है और आज शाम इस बाघिन का पोस्टमॉर्टम किया जाएगा. उन्होंने कहा कि प्रत्येक बुधवार को चिड़ियाघर बंद रहता है.
व्हाइट टाइगर के नाम प्रसिद्ध इस चिड़ियाघर में पहली बाघिन की मौत हुई है. इस चिड़ियाघर को मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इस साल अप्रैल में उद्घाटन किया था. यह चिड़ियाघर प्रदेश के विंध्य क्षेत्र में है, जहां करीब सौ वर्ष पहले इसी स्थान से सबसे पहला सफेद बाघ मिला था.
इस व्हाइट टाइगर सफारी पर करीब 50 करोड़ रपए लागत आई है तथा यह 25 हेक्टेयर क्षेत्र में फैला हुआ है. वर्ष 1915 में पहला सफेद बाघ मध्यप्रदेश के सतना जिले के विंध्य क्षेत्र में देखा गया थी.
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