झारखंड में टाटा के खनन क्षेत्र पर आयोग का चला हथौड़ा
जस्टिस एमबी शाह आयोग ने झारखंड के सरांडा में टाटा को खनन पट्टे को ‘अक्षत क्षेत्र’ घोषित करने की सिफरिश की है.
Justice MB Shah Commission (file photo) |
अवैध खनन पर हालिया रपट के अनुसार, ‘टाटा स्टील को गुआ में 1,808 हेक्टेयर भूखंड को पूर्वेक्षण लाइसेंस दिया गया है, आयोग का मानना यह है कि अब उसे इस पर आगे पट्टा देने की आवश्यकता नहीं है. इस क्षेत्र को ‘अक्षत क्षेत्र’ घोषित किया जाना चाहिए और उसे वन्य जीव कानून 1972 के तहत संरक्षित वन क्षेत्र में शामिल किया जाना चाहिए.’
आयोग ने अपनी रपट में कहा है कि इस क्षेत्र में खनन से पारिस्थितिकी की अपूरणीय क्षति होगी. यह क्षेत्र हाथियों के लिए अच्छे अच्छे वन क्षेत्र में है.
आयोग का कहना है कि टाटा स्टील के पास ओडिशा में पहले ही 4,945 हेक्टेयर क्षेत्र में फैली हुयी 8 खाने हैं. इनसे सालाना 2.291 करोड टन का उत्पादन किया जा सकता है.
इसमें कहा गया है कि इसके अलावा टाटा स्टील के पास पश्चिमी सिंघभूमि जिले के नोआमुंडी रिजर्व वन क्षेत्र में 1,160 हेक्टेयर का पट्टा भी है.
Tweet |