दागी नेताओं पर अध्यादेश टला तो लालू को भारी खामियाजा
दागी विधायक और सांसदों के बचाने वाले अध्यादेश को सरकार वापस ले लेती है तो इसका सबसे ज्यादा गाज आरजेडी लालु यादव पर पड़ेगा.
आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव (फाइल) |
दागी विधायक और सांसदों के बचाने वाले अध्यादेश पर अभी राष्ट्रपति ने हस्ताक्षर नहीं किया है और अगर सरकार इसे वापस ले लेती है तो सबसे ज्यादा गाज आरजेडी सुप्रीमो लालु यादव पर ही पड़ने वाला है. चारा घोटाले में फंसे लालू प्रसाद यादव पर एक मामले में सोमवार को फैसला आने वाला है.
लालू यादव पर पांच मामले हैं माना जा रहा है कि चाईबासा कोषगार से निकासी मामले में लालू यादव पर सजा तय है. अगर लालू यादव को सजा होती है तो यह आरजेडी के लिए परेशानी का सबब बन सकती है.
सूत्रों का कहना हैं कि लालू यादव के जेल जाने की स्थिति में झारखंड में आरजेडी की तरफ से तैयारी भी शुरू हो गई है. लालू के जेल जाने की आशंका को देखते हुए कहीं ना कहीं प्रशासनिक महकमें और खासकर जेल प्रशासन पर दबाव बनाने की कोशिश की जा रही है.
खबर है कि हाल ही में आरजेडी नेता अन्नापुर्णा देवी ने इस बारे में मुख्यमंत्री से बात भी की है. सूत्र बताते हैं कि इस मुलाकात में अन्नापुर्णा देवी ने आईजी को बदलने की मांग की है और इस बात को लेकर दोनों के बीच गरमागरम बहस भी हुई है, हालांकि इसके बाद पुराने जेल आईजी अशोक शर्मा दो सितंबर को रिटायर हो चुके हैं.
इस नियुक्ति को इसी से जोड़ कर देखा जा रहा है अब सबकी नजर 30 सितंबर को आने वाले फैसले पर टिकी है अगर लालू यादव को सजा होती है तो बिहार और झारखंड की राजनीति गरमा सकती है.
Tweet |