छत्तीसगढ़: नगरीय निकायों को काम के आधार पर मिलेंगे नंबर
छत्तीसगढ़ में नगरीय निकायों के बेहतर प्रदर्शन के लिए मूल्यांकन पद्धति शुरू की जा रही है जिसमें विभिन्न मापदंडों के आधार पर निकायों को नंबर दिए जाएंगे.
(फाइल फोटो) |
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि नगरीय निकायों को काम के आधार पर नंबर दिए जाएंगे साथ ही काम अच्छा नहीं होने पर माइनस मार्किंग भी होगी. रेटिंग के लिए कुल योग सौ अंकों का होगा.
अधिकारियों ने बताया कि विभिन्न मापदंडों में नगरीय निकायों की आत्मनिर्भरता की स्थिति में 30 अंक और देयकों के भुगतान के लिए स्वयं के राजस्व की उपलब्धता है कि नहीं के लिए सात अंकों से आकलन किया जाएगा.
वहीं ओडीएफ की स्थिति पर दो अंकों से, कैशलेस सेवाओं को बढ़ावा देने के लिए दो अंक और बायोमेट्रिक मशीन से दैनिक उपस्थिति ली जा रही है कि नहीं पर पांच अंकों से आकलन किया जाएगा. वहीं अन्य खर्चों में कटौती कितनी की जा रही है पर दो अंक और वैधानिक पंजियों की अद्यतन स्थिति पर पांच अंक और अन्य पंजियों की अद्यतन स्थिति पर पांच अंकों से आकलन किया जाएगा.
उन्होंने बताया कि भण्डार के भौतिक सत्यापन की स्थिति में चार अंक, वैधानिक दायित्वों की स्थिति में छह अंक और वैधानिक अनुपालन की स्थिति में छह अंक दिए जाएंगे. इसके साथ ही वर्क फाइल में दस्तावेजों का रखरखाव पर तीन अंक, इंटरनल ऑडिट की आपत्तियों के प्रति जागरकता में पांच अंक, इंटरनल ऑडिट आपत्तियों का अनुपालन में तीन अंक और बैंक समशोधन विवरण की स्थिति पर तीन अंक दिए जाएंगे.
ठेकेदारों को समय पर भुगतान और ठेकेदार द्वारा समय पर काम न किए जाने पर उस क्या कार्रवाई की गई पर पांच अंकों से आकलन होगा.
अधिकारियों ने बताया कि निर्धारित दर पर खरीद की गई या नहीं पर चार अंक और विकास कार्यों की स्थिति पर तीन अंकों से आकलन किया जाएगा.
बॉयोमेट्रिक अटेंडेंस की स्थिति ठीक न होने पर माइनस मार्किंग भी होगी.
उन्होंने कहा कि निकायों को रेटिंग प्रदान करने से जहां आकलन में आसानी होगी वहीं अच्छे काम के लिए स्वस्थ प्रतिस्पर्धा भी होगी. इसके साथ ही जून तक निकायों के प्रत्येक काउंटर को कैशलेस भी कर दिया जाएगा.
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