लालू के पुत्रों ने पास किया बड़ा इम्तिहान
लालू प्रसाद के पुत्रों ने बड़ा इंतिहाम पास कर लिया है और पिछले दो चुनावों से अपने परिजनों को जीताने में नाकाम रहे लालू की राजनीति फिर से लहलहा उठी है.
लालू प्रसाद के बेटे |
मुख्यमंत्री का उम्मीदवार घोषित करने से लेकर सीट बंटबारे तक जदयू नेता और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सभी बातें मानने वाले लालू प्रसाद अब बिहार की राजनीति में अहम किरदार निभायेंगे और लालू की सभी बातें मानने की मजबूरी नीतीश के सामने होगी.
लालू प्रसाद और नीतीश कुमार ने पहले ही तेजस्वी यादव को अपना उत्तराधिकारी कर रखा है. अंतर सिर्फ इतना है कि लालू ने अपना उत्तराधिकारी बनाकर चुनावी अखाड़े में उतारा जबकि नीतीश ने चुनावी सभाओं में तेजस्वी को अपने बाद अपना उत्तराधिकारी बताया है. इस चुनाव में जिन दिग्गजों के परिणाम पर सबकी नजरें टिकी हुई थी.
इनमें राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद के पुत्र तेजस्वी यादव और तेज प्रताप यादव प्रमुख रूप से शामिल थे. राघोपुर सीट से तेजस्वी यादव जबकि महुआ सीट से तेज प्रताप यादव चुनावी समर बाजी मारकर बिहार की राजनीति में अपने को स्थापित कर लिया है. अब दोनों को अपनी प्रशासनिक क्षमता का परिचय देना होगा.
16 वीं बिहार विधान सभा चुनाव में जदयू-कांग्रेस से समझौता कर महज 101 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारनेव वाले लालू प्रसाद ने 80 सीटों पर पार्टी उम्मीदवारों को जीत दर्ज कराकर साबित कर दिया है कि वे अभी भी बिहार के सबसे जनाधार वाले नेता है.
पिछले दो चुनावों में 18 फीसद से अधिक वोट लाकर भी हासिये पर रहने वाले राजद 16 वीं बिहार विधान सभा में भी 18 फीसद से अधिक वोट लाकर सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरा है.
इस जीत के बाद राजद राज्यसभा और बिहार विधान परिषद में अपने उम्मीदवारों को जीतने की स्थिति में आ गया है. पिछले पांच वर्षों में राज्यसभा में बिहार से एक भी सदस्य नहीं भेजने वाले राजद अगले साल राज्यसभा की छह सीटों पर होने वाले चुनाव में दो सीटों पर जीत दर्ज करेगा. इसी तरह विधान परिषद की सात सीटों पर होने वाले चुनाव में तीन सीटों पर कामयाबी मिलेगी.
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