बिहार: घर में शराब की 4 से ज्यादा बोतलें होना कानूनन अपराध
घर में शराब रखने के आरोप में जदयू से निलंबित विधान पार्षद मनोरमा देवी के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी को निरस्त करने के मामले में राज्य सरकार ने पटना हाईकोर्ट को बताया कि कानून के तहत घर में शराब की चार से ज्यादा बोतलों का होना अपराध है.
(फाइल फोटो) |
मनोरमा देवी के घर से शराब की छह बोतलें बरामद हुई हैं, इसलिए उनके खिलाफ दर्ज प्राथमिकी निरस्त नहीं की जा सकती.
वहीं मनोरमा देवी की तरफ से वरीय अधिवक्ता कृष्णा सिंह ने कहा कि घर में मनोरमा के पति बिंदी यादव व बेटे रॉकी रहते हैं. उस हिसाब से आठ बोतल शराब रखना वैध है.
प्रधान अपर महाधिवक्ता ललित किशोर ने कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश इकबाल अहमद अंसारी से कहा कि कोई भी व्यक्ति घर में शराब की 750 एमएल की चार बोतलें ही रख सकता है, लेकिन इसका सेवन गुनाह है.
न्यायमूर्ति ने कहा कि प्राथमिकी में अन्य अभियुक्त भी हैं. इस हिसाब से दो व्यक्ति आठ बोतल शराब रख सकता है. फिर घर सील क्यों किया गया.
प्रधान अपर महाधिवक्ता ने कहा कि घर में शराब की 20 बोतलें मिली हैं और यह नहीं कहा जा सकता कि घर में पांच व्यक्ति रहते हैं. घर मनोरमा देवी के नाम से है और वहां से छह बोतलें शराब मिली है. इसलिए यह अपराध है.
दूसरी बात कि चार बोतल से ज्यादा शराब होने की वैधता पर फैसला निचली अदालत में सुनवाई के बाद होगा. हाईकोर्ट ने 21 जुलाई को कहा था कि नये कानून में जब शराब रखने पर प्रतिबंध नहीं है, तो किस आधार पर मनोरमा देवी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गयी और घर को सील किया गया.
उसने इस बाबत गया के एसपी को तलब कर उन्हें सोमवार को पेश होकर स्थिति स्पष्ट करने को कहा गया. मनोरमा देवी के बेटे रॉकी पर गया के एक व्यवसायी के पुत्र आदित्य सचदेवा की हत्या का आरोप है.
रॉकी की गिरफ्तारी के लिए पुलिस ने उसके घर पर छापा मारा था, जहां से शराब की छह बोतलें बरामद हुई थीं. इस आधार पर मनोरमा देवी के खिलाफ रामपुर थाने में मुकदमा दर्ज किया गया था.
न्यायालय ने 6 जून को इस मामले में मनोरमा देवी को जमानत दी थी और उनसे कहा था कि वे जांच में पुलिस को सहयोग करें.
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