अलग हुए नीतीश-लालू के सुर

Last Updated 24 May 2015 05:32:20 AM IST

नीतीश कुमार ने मुलायम सिंह यादव से मुलाकात के दौरान कहा कि लालू का ताजा बयान बिहार विधानसभा चुनाव के लिए उनके गठबंधन की संभावनाओं के लिए अच्छा नहीं है.




राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव एवं बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (फाइल फोटो)

जनता परिवार की शुक्रवार की महत्वपूर्ण बैठक से अलग रहने के बाद बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शनिवार को यहां समाजवादी पार्टी के प्रमुख मुलायम सिंह यादव से मुलाकात की और भाजपा विरोधी गठबंधन में पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी को शामिल करने के राजद प्रमुख लालू प्रसाद के औपचारिक विचार पर आपत्ति जतायी.

सूत्रों ने बताया कि नीतीश ने मुलायम से मुलाकात के दौरान यह साफ कर दिया कि लालू का ताजा बयान इस साल सितम्बर अक्टूबर में होने वाले बिहार विधानसभा चुनाव के लिए उनके गठबंधन की संभावनाओं के लिए अच्छा नहीं है.

सपा प्रमुख से बातचीत के दौरान जदयू अध्यक्ष शरद यादव भी नीतीश के साथ थे. नीतीश ने सुझाव दिया कि दोनों दल बिहार में सीटों के बंटवारे को लेकर समझौता करने के लिए एक समिति गठित करें.

यद्यपि जनता परिवार के छह दलों के विलय के मुद्दे पर अब तक कोई साफ तस्वीर सामने नहीं आयी है और सूत्रों का भी कहना है कि इसकी संभावना कम नजर आ रही है और आगे सबसे व्यावहारिक कदम बिहार के दोनों प्रमुख दलों राजद व जदयू का गठबंधन ही हो सकता है. नीतीश शुक्रवार की बैठक में नहीं गये थे जिसमें शरद यादव, लालू  प्रसाद और मुलायम सिंह यादव ने हिस्सा लिया था.

इसी बैठक में लालू ने मांझी को साथ लेने का औपचारिक रूप से विचार पेश किया था. नीतीश के विरोधी समझे जाने वाले मांझी ने मुख्यमंत्री पद से अपदस्थ होने के बाद हिन्दुस्तानी अवाम मोर्चा बनाया है.

नीतीश मांझी से कोई तालमेल नहीं रखना चाहते. मालूम हो, जनता परिवार के छह दलों समाजवादी पार्टी, जदयू, जदएस, राजद, इनेलो और समाजवादी जनता पार्टी ने 15 अप्रैल को अपने विलय की घोषणा की थी और सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव को नये दल का प्रमुख घोषित किया गया था लेकिन ऐसे संकेत आ रहे हैं कि सपा और राजद इस पर दोबारा गौर करना चाहते हैं.



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