मैट्रिक परीक्षा में नकल पर अदालत की आलोचना के बाद नीतीश ने बुलाई बैठक
बिहार में मैट्रिक की परीक्षा में बड़े पैमाने पर नकल की घटना की पटना उच्च न्यायालय के ओलाचना किए जाने के बाद इस संबंध में विचार के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एक उच्च स्तरीय बैठक बुलाई.
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार |
पटना उच्च न्यायालय ने परीक्षा में व्यापक पैमाने पर नकल के लिए सरकार की आलोचना करते हुए नीतीश सरकार को इसे रोकने का निर्देश दिया है.
मुख्यमंत्री कार्यालय से प्राप्त जानकारी के मुताबिक नीतीश ने शिक्षा मंत्री पीके शाही, पुलिस महानिदेशक पीके ठाकुर, गृह विभाग के प्रधान सचिव आमिर सुबहानी और शिक्षा विभाग के प्रधानसचिव आरके महाजन के साथ अपने सचिवालय कक्ष में एक बैठक की और उन्हें कदाचार मुक्त मैट्रिक परीक्षा आयोजित कराने का निर्देश दिया.
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि कदाचार की शिकायत मिलने पर संबंधित पुलिसकर्मियों और दंडाधिकारी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाए.
प्रदेश में गत 17 मार्च से मैट्रिक की परीक्षा चल रही है. हाल में समाचार पत्रों और टेलीविजन चैनलों पर कुछ फोटो दिखाए गए, जिनमें परीक्षा केन्द्रों पर परीक्षार्थियों के, दोस्तों, अभिभावकों, रिश्तेदारों और सहयोगियों को अपने अपने उम्मीदवारों को नकल कराने के लिए खिड़कियों और छज्जों पर चढ़ते लटकते देखा जा सकता है. कुछ स्थानों पर तो पैसे के बदले पुलिसकर्मियों को भी नकल में मदद करते दिखाया गया है.
मुख्य न्यायाधीश एल नरसिंहा रेड्डी और न्यायमूर्ति विकास जैन ने मैट्रिक परीक्षा में बडे पैमाने पर नकल को लेकर एक अंगेजी अखबार में छपी खबर को जनहित याचिका में परिवर्तित करते हुए प्रदेश के पुलिस कप्तान को इसपर तुरंत रोक लगाए जाने का निर्देश दिया.
न्यायालय ने शिक्षा विभाग को इस मामले में आगामी शुक्रवार को अदालत के समक्ष उपस्थित होकर स्थिति स्पष्ट करने का निर्देश दिया है.
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