बिहार में हर हाल में अपराध पर काबू पाएं : नीतीश

Last Updated 25 Feb 2015 05:53:14 AM IST

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा है कि विधि व्यवस्था राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है.




बिहार की राजधानी पटना में मंगलवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से विधि व्यवस्था की समीक्षा करते मुख्यमंत्री नीतीश कुमार.

विधि व्यवस्था को बनाये रखने में किसी तरह की कोताही या शिथिलता कतई बर्दाश्त नहीं की जायेगी. हर स्थिति में अपराध को नियंत्रण में रखा जाय. राज्य में कानून का राज स्थापित रहे, इसके लिए अधिकारी मनोयोग व लगन के साथ पूरी मेहनत करें. साम्प्रदायिक सौहार्द और भाईचारा के वातावरण को किसी भी कीमत में बिगड़ने नहीं दिया जाय. हर कीमत पर इसे बनाये रखें.

ये बातें मुख्यमंत्री ने मंगलवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से राज्य के सभी क्षेत्रीय प्रशासनिक अधिकारियों के साथ विधि व्यवस्था की गहन समीक्षा करते हुए कहीं. उन्होंने कहा कि अपराधियों की गतिविधियों पर कड़ी निगरानी रखी जाय. लंबित वादों का निस्तारण त्वरित गति से कराया जाय. आपराधिक व साम्प्रदायिक घटनाओं के लिए संबंधित जिले के डीएम व एसपी पर जिम्मेदारी निर्धारित करायी जायेगी. जिला में विधि व्यवस्था व अपराध की स्थिति के आधार पर डीएम व एसपी के कायरे तथा कर्तव्यों का मूल्यांकन होगा. विधि व्यवस्था संधारण व अपराध नियंत्रण के लिए रोडमैप व एसओपी पूर्व से ही बना हुआ है.

इसी को अक्षरश: अपनाते हुए अपने कर्तव्यों का निवर्हन करें. यही टास्क सभी डीएम व एसपी को दिया जाता है. जिलों में अपराध, संवेदनशील स्थलों, लैश प्वाईंट्स, घटनाओं, अपराध मैपिंग डीएम/एसपी करायें ताकि किसी भी हालत में सांप्रदायिक सौहार्द व सामाजिक समरसता में कमी नहीं आये. उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार के मामले में हमारी जीरो टॉलरेंस की नीति है. भ्रष्टाचार किसी भी हालत में बर्दाश्त नहीं किया जायेगा. प्रखंड, थाना, अंचल में भ्रष्टाचार के मामले आते हैं तो एसपी की योग्यता पर प्रश्नचिह्न लगता है. इसे किसी भी हालत में बर्दाश्त नहीं करें.

पूरी सेवा भाव से सरकारी कायरें का निष्पादन हो तो लोगों को राहत मिलेगी और उनका विास सरकार के प्रति बढ़ेगा. समस्याओं का समाधान आसानी से निकलेगा. निचले स्तर के भ्रष्टाचार से प्रशासन की छवि धूमिल हो रही है. प्रखंड, थाना, अंचल में ठीक ढंग से काम हो तो लेगों का विास सरकार के प्रति जगता है. अच्छा काम करेंगे तो शोहरत भी मिलेगी और इज्जत भी. लोकतंत्र में लोगों की संतुष्टि सबसे बड़ी जरूरत है. निरंतर सचेत रहिए, सक्रिय रहिये.

साम्प्रदायिक दृष्टिकोण से संवेदनशील इलाकों की पहचान कर लें और संवेदनशीलता को देखते हुए कार्रवाई करें, इसके परिणामस्वरूप कोई घटना नहीं घटेगी. हम सब अपने टास्क को निश्चित रूप से पूरा करें. मुख्यमंत्री ने राज्य के सभी प्रमंडलीय आयुक्त, रेंज आईजी, पुलिस उपमहानिरीक्षक, जिला पदाधिकारी व वरीय पुलिस अधीक्षकों को संबोधित करते हुए कहा कि वीडिया कॉन्फेंसिंग के माध्यम से आप सबों से अपनी बात कहने और आप सबकी बातों को सुनने का मौका मिला है. वर्ष 2005 के नवम्बर में जब मैंने मुख्यमंत्री का कार्यभार संभाला था तो उस समय से ही मेरा प्रयास राज्य में कानून का राज स्थापित करने का रहा है. सभी काम कानून के अनुसार किये जाने चाहिए. कानून के अनुसार प्रशासन व पुलिस अधिकारी अपना काम करें.

इन सबका ही परिणाम रहा है कि लोग अपने-अपने घरों से परिवार के साथ देर रात में निकलते हैं और कोई भी काम करने के लिए घर से बाहर जाते हैं. लोगों के मन में डर नहीं बचा है. लोगों में सुरक्षा की भावना आयी है, जिसे हर हालत में कायम रहना चाहिये. हमारी पहली जिम्मेदारी विधि-व्यवस्था को बनाये रखने की है. बिहार की छवि बदली है और हर तरफ सुधार आया है. सुधार लाने के लिए कड़ी मेहनत करनी पड़ी और आप सबका सहयोग मिला.

मुख्यमंत्री ने कहा कि कार्यपालिका ने राज्य में विधि व्यवस्था को कायम रखने एवं राज्य में कानून का राज स्थापित करने के लिए जो काम किया, उसमें न्यायपालिका का भी सहयोग मिला. शासन के प्रो-एक्टिव हो जाने से स्पीडी ट्रायल के साथ-साथ नियमित ट्रायल में भी गति आयी है और आगे भी गति बनी रहनी चाहिये. अपराधियों को सजा मिलने से सुशासन के प्रति लोगों का विास बढ़ा है, यह कायम रहे. ट्रायल में तेजी आई और त्वरित गति से मामलों का निष्पादन हुआ.

साम्प्रदायिक या जातीय तनाव के मामले में त्वरित कार्रवाई होनी चाहिए. अपने मातहत अधिकारियों पर कड़ी निगरानी और नियंत्रण रखें. दोषियों को छोड़ा नहीं जाय, जबरन किसी को फंसाया भी नहीं जाय. पुलिस बल की संख्या में वृद्धि हुई है. थानों का वर्गीकरण कर वहां पर सुविधा बढ़ायी गई है. आधुनिक हथियार खरीदे गये हैं, वैज्ञानिक अनुसंधान की व्यवस्था की गई है. नये-नये उपकरण खरीदे गये हैं.

आज पहले से हम काफी बेहतर स्थिति में हैं. जिला पदाधिकारी और पुलिस अधीक्षक सरकार के जिम्मेदार अधिकारी हैं, उन्हें हर स्थिति में अपने-अपने जिलों में साम्प्रदायिक सौहाद्र्र की स्थिति कायम रखनी चाहिए. मुख्यमंत्री ने मुजफ्फरपुर के अजीजपुर में हुई घटना की ओर इशारा करते हुए कहा कि यदि नीचे के अधिकारी रिस्पांस टाइम के अंदर घटनास्थल पर पहुंचते तो ऐसी स्थिति नहीं होती. मुख्यमंत्री ने कहा कि ऐसी घटना किसी भी कीमत पर नहीं घटने दें.

जमीन का विवाद, कब्रिस्तान की घेराबंदी का विवाद या अन्य तरह के विवादों पर त्वरित ध्यान दिया जाय और उसका समाधान ससमय किया जाय. होली के अवसर पर विशेष सतर्कता बनाये रखें. डीएम एवं एसपी लोगों की बातों को जरूर सुनें. रिस्पांस टाइम सबसे जरूरी चीज है, इस पर ध्यान दें. धर्मान्तरण, लव जेहाद, घर वापसी की बात हो रही है, ऐसे समय में हम सबको सतर्क रहने की जरूरत है. लोगों को यह एहसास होना चाहिए कि हमारी सुरक्षा के लिए पुलिस सक्रिय है.

अपराधियों को एहसास होना चाहिए कि वे बख्शे नहीं जायेंगे. वे सरकार की नजर में हैं, वे जरूर पकड़े जायेंगे. मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि लंबित वारंटों की संख्या बहुत है, इसे हर कीमत पर कम करें. ससमय सारी कार्रवाई हो जाय तो कहीं भी विधि-व्यवस्था में गिरावट नहीं आयेगी, बात नहीं बिगड़ेगी. तत्काल कार्रवाई होने से स्थिति नियंत्रण में रहेगी. अधिकारी फिल्ड विजिट करें, गांव में जायें. मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर क्षेत्रीय अधिकारियों को होली पर्व की अग्रिम बधाई भी दी.



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