बिहार के हर पंचायत में खुलेगी शराब की दुकान: मांझी
मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने साफ तौर पर कहा कि सूबे में शराबबंदी संभव नहीं है. सरकार ने अगर शराबबंदी का फैसला किया तो गांव-गांव में अवैध भट्ठियां खुल जाएंगी.
मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी (फाइल) |
यह ज्यादा खतरनाक साबित होंगी इसलिए सरकार ने हर पंचायत में शराब की दुकान खोलने का निर्णय लिया है. हालांकि मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि शराब का रेट ही इतना बढ़ा दिया जाएगा कि कोई गरीब आदमी इसे पी नहीं सके.
ये बातें मुख्यमंत्री ने सोमवार को जनता के दरबार में मुख्यमंत्री कार्यक्रम के बाद आयोजित संवाददाता सम्मेलन में कहीं. उन्होंने कहा कि मेरी बातों को तोड़ मरोड़कर पेश किया जाता है.
मैंने न तो न्यायालय की शाखा खोलने की बात कही और न ही शराब पीने की बात कही और न ही दलितों को जनसंख्या बढ़ाने की बात कही. मैंने कहा था कि दारू पीना और निरक्षर होना गलत है. पढ़ो लिखो और शराब पीना बंद करो. मैंने कहा था कि मेरे माता-पिता दोनों शराब पीते थे. मेरे कहने पर दोनों ने शराब छोड़ दी तो आज मैं मुख्यमंत्री हूं. शराब मत पीएं.
किसी-किसी को दवा के रूप में शराब दी जाती है. डॉक्टर की सलाह पर अगर जरूरत हो तो थोड़ी शराब दवा के रूप में लें लेकिन मेरी बातों पर गलत तरीके से पेश किया गया और लोगों ने कहा कि मैं शराब पीने के लिए कहता हूं.
इसी प्रकार मैंने कहा था कि दलितों की आबादी 22 प्रतिशत है लेकिन दलित लोग अपना नाम वोटर लिस्ट एवं कार्ड में नहीं डलवाते हैं जिसके कारण आबादी कम दिखती है.
सभी लोग जो भी बाहर मजदूरी करते हैं वे लोग आकर अपना नाम वोटर लिस्ट में डलवाएं तो दलितों की आबादी 22 प्रतिशत हो जाएगी तो आरक्षण का लाभ ज्यादा मिलेगा और लोग शिक्षित हो सकेंगे.
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