औरंगाबाद में पुलिस फायरिंग; दो मरे, पांच जख्मी

Last Updated 20 Jul 2014 06:29:21 AM IST

सर्च ऑपरेशन के दौरान सीआरपीएफ द्वारा पिटाई किए जाने के खिलाफ लोगों ने शनिवार को मदनपुर थाने का घेराव कर बवाल काटा.




उपद्रव : औरंगाबाद के मदनपुर में उग्र भीड़ द्वारा फूंकी गयी पुलिस जीप.

उग्र ग्रामीणों ने पुलिस की जीप भी फूंक दी और मदनपुर प्रखंड कार्यालय में आग लगा दी. उग्र ग्रामीणों को काबू में करने के लिए पुलिस ने फायरिंग की जिसमें एक महिला समेत दो लोगों की मौके पर ही मौत हो गई जबकि पांच अन्य घायल हो गये. कई पुलिसकर्मियों को भी चोटें आयी हैं.

मिली जानकारी के मुताबिक अति नक्सल प्रभावित औरंगाबाद जिले के मदनपुर थाना क्षेत्र के कनौदी, आजाद बिगहा, सहियार, छाली दोहर और आसपास के अन्य गांवों में सर्च ऑपरेशन के दौरान सीआरपीएफ के जवानों द्वारा नक्सलियों के बारे में जानकारी मांगे जाने को लेकर महिलाओं एवं पुरुषों की पिटाई के विरोध में शनिवार की दोपहर इलाके के ग्रामीणों ने मदनपुर आकर थाने का घेराव किया और राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 2 (जीटी रोड) को जाम कर आगजनी की.

इस दौरान पुलिस द्वारा बल प्रयोग किये जाने से ग्रामीण उग्र हो उठे और पुलिस पर पथराव करने के साथ इंस्पेक्टर की जीप भी फूंक डाली. साथ ही मदनपुर अंचल सह प्रखंड कार्यालय को भी आग के हवाले कर दिया.

उग्र ग्रामीणों को काबू में करने के लिए पुलिस ने फायरिंग की जिसमें दो की मौत हो गई जबकि पांच अन्य घायल हो गये. मृतकों की पहचान कनौदी गांव की रहने वाली कलावती देवी (30) व  मदनपुर निवासी रामध्यान कुमार (10) के रूप में हुई है. रामध्यान उस वक्त स्कूल से पढ़कर लौट रहा था. पुलिस ने शवों को पोस्टमार्टम के लिए अनुग्रह नारायण मेडिकल कॉलेज अस्पताल भेज दिया है.

वहीं घायलों में कनौदी निवासी शीला कुंवर (45), मैन बिगहा निवासी सुदय कुमार (25), शिवध्यान (35), अवधेश (30) एवं मदनपुर निवासी ऋषभ राज (10) शामिल हैं. ग्रामीणों के पथराव में अंचल गार्ड शत्रुंजय कुमार समेत कई पुलिसकर्मियों के भी घायल होने की खबर है. घायलों का इलाज सदर अस्पताल में किया जा रहा है. बताया जाता है कि घेराव करने आये ग्रामीणों के समूह ने पहले सीआरपीएफ कैम्प पर प्रदर्शन किया.

उसके बाद मदनपुर थाना के समक्ष प्रदर्शन के बाद ग्रामीणों ने प्रखंड सह अंचल कार्यालय के पास एनएच 2 को जाम कर सड़क पर आगजनी की. इसी दौरान अंचल कार्यालय में तैनात अंचल गाडरे के साथ ग्रामीणों की झड़प हो गयी और मामला बिगड़ गया. बाद में ग्रामीणों ने पुलिस पर पथराव किया जिसके जवाब में पुलिस ने फायरिंग की.

सूत्रों के मुताबिक शुक्रवार को सर्च ऑपरेशन के दौरान सीआरपीएफ के जवानों द्वारा कनौदी गांव के प्रमोद सिंह की पत्नी, अदरू सिंह की बहन, आजाद बिगहा के अवधेश भुईया, शंकर भुईया, नीमीडीह के रामदेव सिंह, सहियार के रामलगन भुईयां की पत्नी की बेरहमी से पिटाई की गई. इतना तक कि छाली दोहर निवासी मोतीहरवा भुईया की सीआरपीएफ जवानों ने पेड़ से बांधकर भी बेरहमी से पिटाई की गई.

इसके बाद ग्रामीणों का पुलिस के साथ संघर्ष भी हुआ था और ग्रामीणों के हमले में एक पुलिसकर्मी का सिर फट गया था जबकि डीएसपी की गाड़ी का शीशा भी फूट गया था. हालांकि पुलिस द्वारा न तो ग्रामीणों की पिटाई करने और न ही किसी पुलिसकर्मी के चोटिल होने की पुष्टि की जा रही है. घटना के बाद मदनपुर में अफरा-तफरी मची हुई है और पूरा इलाका पुलिस छावनी में तब्दील हो चुका है. इस बीच, नक्सली संगठन भाकपा माओवादी ने ग्रामीणों द्वारा किये गये विरोध प्रदर्शन का स्वागत किया है.

संगठन के बिहार रीजनल कमिटी के प्रवक्ता मानस ने कहा कि संगठन ग्रामीणों की इस पहल को लाल सलाम पेश करता है और इस घटना से यह साबित हो गया है कि ग्रामीण अब पुलिस द्वारा किये जा रहे जुल्म व दमन को बर्दाश्त नहीं करने वाले हैं.



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