चालू वित्त वर्ष में वृद्धि दर 7.75 फीसद रहने का
Last Updated 13 Jan 2010 02:10:46 PM IST
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नई दिल्ली। वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी ने आज कहा कि चालू वित्त वर्ष के दौरान सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर 7.75 फीसद रहने का अनुमान है।
राज्यों के वित्त मंत्रियों के साथ बजट पूर्व बैठक में मुखर्जी ने कहा,चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में वृद्धि दर 7 फीसद के औसत के करीब पहुंच रही है। चालू वित्त वर्ष के दौरान इसके लगभग 7.75 फीसद रहने की संभावना है जो शुरूआती अनुमान और रिजर्व बैंक के आकलन से अधिक है।
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने दो प्रमुख कर सुधारों की परिकल्पना अप्रत्यक्ष कर में जीएसटी का क्रियान्वयन और प्रत्यक्ष कर संहिता की है।
प्रणव मुखर्जी ने कहा कि सभी राज्य सरकारों दोनों कर सुधारों के बारे में जरूरी सुझाव दे सकती हैं। उन्होंने कहा, सबसे बड़ी चिंता का विषय खाघ वस्तुओं पर आधारित
मुद्रास्फीति है। थोक मूल्य कीमत सूचकांक 19. 79 प्रतिशत तक बढ़ी है।
इसीलिए समस्या से निपटने के लिये केंद्र और राज्य सरकारों को मिलकर
काम करने की जरूरत है।
वित्त मंत्री ने कहा कि गेहूं और चावल के पर्याप्त भंडार है। इसीलिए अधिशेष भंडार निकालने के लिये इसकी खुले बाजार में बिक्री करने का प्रस्ताव है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकारों द्वारा अधिशेष खाघ भंडार का उठाव संतोषजनक नहीं है। सभी राज्य सरकारें इस संबंध में सहयोग कर सकती हैं ताकि उन्हें आवंटित अधिशेष भंडार को उठाया जा सके।
मुखर्जी ने यह भी कहा कि कृषि क्षेत्र की उत्पादकता बढ़ाने की जरूरत है और अक्षय ऊर्जा स्रोतों का दोहन किया जाना चाहिए। वित्त मंत्री ने कहा कि राज्यों सरकारों को नकद अधिशेष का उपयोग विकास गतिविधियों के लिये करना चाहिए।
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