दो मुस्लिम स्कॉलरों से वीजा प्रतिबंध हटा : प&

Last Updated 21 Jan 2010 12:00:12 PM IST


वाशिंगटन। अमेरिकी विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन ने दो प्रमुख मुस्लिम स्कॉलरों, लंदन में ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के तारिक रमजान और दक्षिण अफ्रीका में यूनिवर्सिटी आफ जोहानिसबर्ग के आदम हबीब के खिलाफ लगाए गए वीजा प्रतिबंधों को हटा लिया है। सार्वजनिक मामलों के सहायक विदेश मंत्री पीजी क्राउले ने कल कहा कि हिलेरी क्लिंटन ने इस संबंध में प्रतिबंध हटाने संबंधी आदेश पर हस्ताक्षर कर दिए हैं। उन्होंने कहा यह छूट दिए जाने के बाद अगली बार जब भी प्रोफेसर रमजान या प्रोफेसर हबीब वीजा के लिए आवेदन करेंगे तो उनके आवेदन को पूर्व में आधार बनाए गए तथ्यों के चलते खारिज नहीं किया जाएगा। उन्होंने संवाददाताओं से कहा मंत्री का विचार यह है कि ये लोग जिन्होंने पहले वीजा के लिए आवेदन किया था और जिसे खारिज कर दिया गया, उनके बारे में हमें नहीं लगता कि इनमें से कोई भी अमेरिका के लिए खतरा है। अब वे वीजा के लिए आवेदन करते हैं तो उन पर वही मापदंड लागू होंगे जो अमेरिका आने की इच्छा रखने वाले अन्य लोगों पर लागू होते हैं। उन्होंने कहा कि दुनियाभर में मुस्लिमों की ओर दोस्ती का हाथ बढ़ाने के राष्ट्रपति बराक ओबामा के विचारों से सहमति जताते हुए विदेश मंत्री का यह फैसला बताता है कि हम एक वैश्विक बहस चाहते हैं। क्राउले ने कहा हम चाहते हैं कि इस्लामी स्कॉलर को अमेरिका आने की अनुमति देने के इस अवसर के जरिए वे हमारे देश में अन्य धर्मो के लोगों से विचार-विमर्श करें। दो मुस्लिम स्कॉलरों पर वीजा प्रतिबंध लगाने के लिए संघीय सरकार के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने वाले अमेरिकन सिविल लिबर्टीज यूनियन संगठन ने इसे एक बड़ी जीत बताया है। संगठन के राष्ट्रीय सुरक्षा परियोजना के निदेशक जमील जफर ने कहा आदम हबीब तथा तारिक रमजान के संबंध में इस फैसले का लंबे समय से इंतजार था और यह बेहद महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कई साल से अमेरिकी सरकार अपने विदेशी आलोचकों से बातचीत करने के बजाय उनकी आलोचना करने और उनका मुंह बंद करने में अधिक रूचि लेती रही है।’’ जफर ने कहा कि दोनों मुस्लिम विद्वानों पर से वीजा प्रतिबंध हटाना इस बात का सकारात्मक संकेत है कि ओबामा प्रशासन अंतरराष्ट्रीय सीमाओं के आर पार विचारों को बाधित करने के बजाय उनके आदान प्रदान के लिए प्रतिबद्ध है। प्रोफेसर आदम हबीब एक सम्मानित राजनीतिक विश्लेषक हैं और साथ ही वह यूनिवर्सिटी आफ जोहानिसबर्ग में रिसर्च, इनोवेशन तथा एडवांसमेंट सेंटर के उप वाइस चांसलर हैं। साथ ही वह इराक में युद्ध और आतंकवाद संबंधी अमेरिका की कुछ नीतियों के मुखर आलोचक रहे हैं। प्रोफसर हबीब ने कहा यह केवल व्यक्तिगत जीत नहीं है बल्कि यह दुनियाभर में लोकतंत्र की जीत है और हम उम्मीद करते हैं कि इससे प्रशासन लोगों की आजादी के अधिकार को बहाल कर रहा है जिसे हालिया समय में बुरी तरह कुचला गया था। प्रोफेसर तारिक रमजान आक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में सेंट एंटनी कालेज में समकालीन इस्लामी अध्ययन विभाग के अध्यक्ष हैं।



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