एक सीरीज जीत से टीम महान नहीं हो सकती: संगकार

Last Updated 14 Jan 2010 10:03:29 PM IST


मीरपुर। श्रीलंका के कप्तान कुमार संगकारा ने कहा है कि एक सीरीज जीत से उनकी टीम महान नहीं हो सकती बल्कि इसके लिए निरंतर बेहतर प्रदर्शन के साथ लगातार जीत जरूरी है। संगकारा ने कहा कि भारत के खिलाफ बुधवार को त्रिकोणीय सीरीज का खिताब जीतने का यह अर्थ नहीं कि हमारी टीम महान हो गई है। बल्कि महान बनने के लिए लगातार कठिन प्रयास करने की जरूरत होती है। मैं नहीं चाहता कि हमारी टीम केवल एक सीरीज जीतकर आराम से बैठ जाए बल्कि हमें बेहतर टीम बनने के लिए और ज्यादा मेहनत की जरूरत है। संगकारा ने मैच के बाद कहा कि उनकी टीम भारत को कल के फाइनल मैच में 245 रन से भी कम के स्कोर पर आउट कर सकती थी। उन्होंने कहा कि इसके बावजूद मैं अपने गेंदबाजों के प्रदर्शन की तारीफ करना चाहूंगा कि उन्होंने भारत को अपेझाकृत कम स्कोर पर आउट किया। हालांकि मैं भारतीय खिलाडियों को भी श्रेय देना चाहूंगा। भारत के युवा बल्लेबाज सुरेश रैना ने दबाव में शानदार शतक ठोंककर भारत को अच्छे स्कोर पर पहुंचा दिया और फिर जब हम बल्लेबाजी करने आए तो उनके गेंदबाजों ने शुरूआत में अच्छा प्रदर्शन किया। श्रीलंकाई कप्तान ने अपने कई युवा खिलाडियों की भी जमकर तारीफ की। उन्होंने कहा कि कई सीनियर खिलाडियों के चोटिल हो जाने के कारण इन्हें टीम में शामिल किया था और इन सबने अच्छा प्रदर्शन कर टीम को विजयी बनाने में अहम भूमिका निभाई। उन्होंने कहा कि हमें पिछले कुछ समय में कई खिलाडियों को चोट के कारण टीम से बाहर बैठाना पडा। लेकिन उपुल तरंगा, तिलन कादांबी और सूरज रणदीव जैसे युवा खिलाडियों ने सीनियर खिलाडियों की भरपाई करते हुए इस टूर्नामेंट में शानदार प्रदर्शन किया। संगकारा ने कहा कि इन युवा खिलाडियों के अलावा तिलकरत्ने दिलशान, नुवान कुलशेखरा और माहेला जयवर्धने जैसे अनुभवी खिलाडियों के प्रदर्शन ने भी टीम की जीत में अहम भूमिका निभाई। संगकारा ने साथ ही कुलशेखरा की फाइनल मैच में की कई गेंदबाजी की भी जमकर तारीफ की। उन्होंने कहा कि कुलशेखरा एक असाधारण खिलाडी हैं। वह अपनी गेंदबाजी और फिटनेस पर काफी मेहनत करते हैं। वह करीब 130 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से गेंदे फेंकते हैं। यही कारण है कि वह वनडे टीम के हमारे नंबर एक गेंदबाज हैं। अपने युवा खिलाडियों के ऐसे प्रदर्शन से गदगद नजर आ रहे संगकारा ने अपने राष्ट्रीय बोर्ड से घरेलू टूर्नामेंट में बेहतर प्रदर्शन कर रहे युवा खिलाडियों को चुनने की सलाह दी है। उन्होंने कहा कि किसी के लिए भी राष्ट्रीय टीम का दरवाजा बंद नहीं हुआ है जो भी खिलाडी अच्छा प्रदर्शन कर रहा है उन्हें मौका जरूर मिलेगा। उन्होंने कहा कि बोर्ड को नए खिलाडियों को चुनने की पूरी छूट है। शायद यही कारण है कि हम बेहतर प्रदर्शन कर रहे हैं। हम ऐसी संस्कृति का निर्माण कर रहे हैं कि जो भी खिलाडी अच्छा प्रदर्शन करेगा उसे राष्ट्रीय टीम में मौका मिलेगा। मुझो युवा शब्द से ही नफरत है क्योंकि मेरा मानना है कि उम्र कोई मायने नहीं रखता है। जो अच्छा खेल रहा है वह अच्छा खिलाडी है।



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