इस घड़ी की कीमत है 5.50 करोड़ रुपये

Last Updated 02 Oct 2015 08:59:28 PM IST

इस घड़ी में न हीरा लगा है और न ही कोई अन्य बहुमूल्य रत्न, फिर भी इसकी कीमत साढ़े पांच करोड़ रुपये है.


5.50 करोड़ रुपये की सबसे महंगी घड़ी

यह घड़ी लॉ चॉक्स डे फॉन्ड्स, स्विट्जरलैंड स्थित दुनिया की सबसे एक्सक्लूसिव घड़ी बनाने वाली कंपनी ग्रबेल फॉर्से की कैडरपल टूरबिलन घड़ी है जिसके 4 मॉडल हैं, इस कंपनी की 2004 में स्थापना की गई थी जो साल में सिर्फ 5 से 6 कैडरपल टूरबिलन घड़ी बनाती है.

इस कंपनी के सह-संस्थापक स्टीफन फॉर्से ने बताया कि इस घड़ी की इतनी कीमत क्यों है, उनका जवाब इस घड़ी की इंजिनियरिंग से शुरू हुआ, फार्से ने बताया, 'सिर्फ इस आइडिया को विकसित करने में ही 5 साल लगे कि 4 टरबिलन केजों को सिर्फ 2 के स्थान में कैसे समाया जाएगा.' टरबिलन एक बहुत ही छोटा घूमने वाला मेकनिकल केज है जो बहुत ही अहम घड़ियों में लगा होता है, यह ग्रेविटी के प्रभाव का मुकाबला करने और बेहतर टाइम डिलिवर करने में घड़ी की मदद करता है.
 
कैडरपल टूरबिलन में 534 कम्पोनेंट्स हैं जिनका साइज बहुत ही छोटा है, इसमें 43.5 मिमी. की केस से लेकर 0.35 मिमी. तक माइक्रोस्कॉपिक स्कू है, सबसे बड़ी बात यह है कि इसके ज्यादातर कम्पोनेंट्स को हाथ से बनाया गया है, अन्य स्विस घड़ियों की तरह इनको मशीन से नहीं बनाया गया है, हाथ से बनाने का मकसद इसके शेप और टेक्सचर को बेहतरीन रूप देना था, फॉर्से बताते हैं कि यह सबसे बड़ा कारण है कि हर घड़ी को तैयार होने में करीब एक साल लगा.
 
फार्से ने बताया, 'अगर आप किसी पीस को एक कदम की दूरी पर से बगैर किसी मैग्निफाइंग ग्लास के देखेंगे तो आप हाथ की फिनिशिंग और मशीन से बनी घड़ी की फिनिशिंग में फर्क नहीं कर पाएंगे, इसमें हाथ से ही इतनी तगड़ी फिनिशिंग की गई है कि एक स्पेशलिस्ट को भी इसमें फर्क करने में काफी कठिनाई होगी, लेकिन जैसे-जैसे आप इसके करीब जाएंगे, सब चीज आपको बदली नजर आएगी, इस पर जो डिजाइन किए गए हैं दूर से देखने पर आपको वह फोटोग्राफ लगेंगे लेकिन करीब से देखने पर वह टेक्सचर नजर आएगा.'
 
 
 



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